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दत्तक या गोद
[चौथा प्रकरण
है कि दोनोंका भाग बराबर नहीं होगा। इसी बातकी पुष्टी धर्मसिन्धु तथा मिताक्षरामें भी की गई है।
ऊपरके बचनोंपर विचार करनेसे यह मालूम होता है कि अगर पिताने जायदाद चार हज़ार की छोड़ी और दत्तकपुत्र तथा एक औरस पुत्र भी छोड़ा तो दत्तक को एक हज़ार की, और औरस पुत्रको तीन हज़ार की जायदाद मिलेगी ऐसा बनारस स्कूल के अन्तर्गत विभाग होगा यदि औरस पुत्र एकसे ज्यादा होतो विभाग कैसा होगा? यह प्रश्न आगे कहा गया है। परन्तु धर्मशास्त्रानुसार यह प्रतीत होता है कि जितना हिस्सा औरस पुत्रका नियत किया गया उसीके बराबर सभी औरस पुत्रोंका हिस्सा मिलेगा। दूसरी बात और यह उपस्थित होती है कि, अगर कुल जायदादमेंसे एक चौथाई भाग दत्तकको मिलजायगा, तो बाकी हिस्सेमें दूसरे हक़दार भी शामिल होंगे, या नहीं हो सकेंगे ! इन सब प्रश्नोंका उत्तर आगे क्रमसे देखियेः
(२) बङ्गाल स्कूलमें दत्तकका हिस्सा कितना माना गया है--दत्तकपुत्र के गोद लेनेके बाद जब असली लड़का पैदा हो जाये तो दोनों लड़कोंके बीच गोद लेनेवाले पिताके मरनेपर जायदाद इस तरहसे तकसीम होगी।
बङ्गाल स्कूलके अन्तर्गत जायदाद तीन बराबर हिस्सों में तकसीम करके दो हिस्से असली पुत्र पावेगा और एक हिस्सा दत्तकपुत्र । यानी दत्तक पुत्र का दुगुना असली लड़केको मिलेगा देखो; दायकर्म संग्रह ७-२३; डवलू मेकनाटन हिन्दूला जिल्द १ पेज ७० तथा जिल्द २ पेज १८४, और देखो एफ मेकमाटन कन्सीडरेशन आन हिन्दूला पेज १३७; तारामोहन बनाम कृपामई 9 Suth 423 जैनियों में भी यही माना गया है--रुखल बनाम चुन्नीलाल 16 Bom. 347.
(३) बनारस स्कूल में कितना मिलेगा--बनारस स्कूलके अन्तर्गत जायदाद चार बराबर हिस्सोंमें तक़सीम होकर तीन हिस्से असली पुत्रको और एक हिस्सा दत्तकपुत्रको मिलेगा; यानी दत्तकका तिगुना हिस्सा असली पुत्रको मिलेगा--बङ्गाल स्कूलकी नज़ीरें देखो।
(४) मदरास स्कूलमें कितना मिलेगा--मदरास स्कूलके अन्तर्गत जायदाद पांच बराबर हिस्सोंमें तक़सीम होकर दत्तकपुत्रको एक हिस्सा और असली पुत्रको चार हिस्सोमें मिलेगी यानी दत्तकका चौगुना हिस्सा असली लड़केको मिलेगा; देखो-एय्याव बनाम नीलादराची 1 Mad. H. C. 45 गिरिअप्पा बनाम निनगप्पा 17 Bom. 100.
(५) बम्बई स्कूलमें कितना मिलेगा--मदरास स्कूलके अनुसार बम्बई स्कूलके अन्तर्गत जायदाद पांच हिस्सोंमें बराबर तक़सीम होकर, उस मेंसे एक हिस्सा दत्तकपुत्रको और चार हिस्से, असली लड़केको मिलेगीनज़ीरें मदरासस्कूलकी देखो और देखो दफा २८९.