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दत्तक या गोद
[ चौथा प्रकरण
लड़का गोद लिया जासकता है देखो -सदाशिव बनाम हरीमोनेश्वर 11 Bom. H C. 190; 12 Bom. H C. 364; 10 Bom. 80.
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नामबुद्री ब्राह्मणों में विवाहित पुत्रके दत्तक लेनेका अधिकार उस सूरत में माना गया है जबकि लड़का कृत्रिमपुत्रानुसार लिया जाय 11 Mad. 176. दफा १८५ मदरास स्कूलमें उमरकी क़ैद
जो क़ायदा बङ्गालस्कूल ( दफा १८२ ) और बनारसस्कूल (दफा १८३) में प्रचलित है प्रायः वही इस स्कूलमें भी माना जाता है देखो - 1 Stra H. L. 87-91; 2 Stra. H. L. 87-10; 1 Mad. 106; 1 Mad. 406, Mad. Dec. of 1859 P. 118; 6 Mad. 43; 13 Mad. 128.
मि० यल्सका मत है कि यदि उपनयन संस्कार के पश्चात् गोद लिया तभी जायज़ है मगर दोनोंका गोत्र एकही हो । त्राविङ्कोर में एक मुक़द्दमा इस बिनापरं चला कि भाईका पुत्र उपनयनके पश्चात् गोद लिया गया था । अदालतने उसे इसीलिये स्वीकार किया कि वह भाईका बेटा था, उपनयनके आधारपर नहीं; देखो - 2 Stra H. L. 104; 8 Mad. 58 मदरास हाईकोर्ट मे इस फैसले के आधारपर मुक़ामी रवाज की शहादत लेनेके बाद यही बात मानी । देखो --3) Mad. 148; 3 Mad. H. C. 28
इसके बाद एक मुक़द्दमा ऐसा दायर हुआ जिसमें ४० वर्षका मर्द जो अपने बाप के मरने के बाद बापकी जायदादका वारिस हो चुका था और जिस की शादी नहीं हुई थी गोद लिया गया । अदालत ने यह दत्तक रद कर दिया देखो- पापाअम्मा बनाम अप्पाराव 16 Mad. 384, 396.
मि० गिवलिन साहबकी राय है कि पांडेचरी में ब्राह्मणोंके सिवाय यह रवाज है कि उपनयनके पश्चात् गोद लिया जा सकता है; 1 Giblin 94. दफा १८६ पञ्जाब प्रांत में उमरकी क़ैद
पञ्जाब प्रांत में उमरकी क़ैद नहीं है वहां पर किसी भी उमरका लड़का गोद लिया जा सकता है; देखो -पञ्जाब करटमरी लॉ P. 82.
दफा १८७ जैनियोंमें उमरकी क़ैद
जैनियोंमें ३२ सालकी उमर तक लड़का गोद लिया जा सकता है मगर जस्टिस हालवे साहबका कहना है कि जैनियोंमें गोद लेनेके सम्बन्धमें उमर की कोई क़ैद नहीं है 9 Mad Jur 24; 6N. W. P. 402;5 S. D. 276, दफा १८८ शूद्रों में उमरकी क़ैद
सभी स्कूलों में माना गया है कि बिन ब्याहा शूद्र क़ौमका लड़का चाहे जिस उमरका हो गोद लिया जा सकता है; देखो - 16 Mad 384, 397; और . देखो इस किताब की दफा २१६.