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दफा १०६ - १११]
दत्तक लेने के साधारण नियम
समय जायज़ माना जायगा जब वह विवेक अवस्था को पहुँच गया हो - ( समझदार होगया हो ) 1 Cal 289; 15 Bom. 565; बंगालमें नाबालिग कीविधवा भी दत्तकले सकती है बशर्ते कि उसका पति अपने जीते जी श्राज्ञा दे गया हो ।
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( १ ) बंगाल - यदि अज्ञान पुरुष बङ्गालमें कोर्ट आफ वाईसकी निगरानी में हो तो बिना लिखी हुई मंजूरी जनाब लेफ्टनेन्ट गवर्नरसाहब बहादुर के गोद नहीं ले सकता, देखो - एक्ट नं० ७ सन् १९०५ई की दफा ३; एक्ट नं० ६ सन १८८६ ई० की दफा ६१ ( B. C. )
इस विषयपर मि० मेनका कहना है कि दत्तककी हैसियतका आईन या अज्ञानको गोद लेनेका अधिकार देना साफ तौरसे तय नहीं हुआ है । बहुतसे एक्ट जो कोर्ट श्रफ़ वार्डससे सम्बन्ध रखते हैं उनमें बिना रज़ामंदी कोर्टके अयोग्य जिमीदार अज्ञान को गोद लेनेका अधिकार नहीं दिया गयादेखो बङ्गाल रेगुलेशन No 1 of 1893 S. S. 33; No. 42 of 1803. S. S. 37; Mad. Regu. No. 5 of 1804 S.S. 25; Act. 35 of 1858 S. S. 74. Act.No. 4 of 1870S.S.74; Act. 9 of 1889. S. S. 61 लेकिन यह शर्तें उस समय तक लागू नहीं पड़ेंगी जब तक कोर्ट आ वार्डसका पूरा क़ब्ज़ा न होजाय, और जब होजाता है तो गोद लेनेके अधिकारको मना करता है और अगर कोई इन शर्तोंको तोड़कर गोद लेलेवे तो वह दत्तक नाजायज़ होगा; देखो जमुना बनाम रामासुन्दरी 3 I A 72; 1 Cal. 289; नीलकंठ बनाम आनन्दमयी S. D. 1855; 218 आनन्द मयी बनाय शिवचन्द 9M. I. A. 287; S. C. 2 Suth. ( P. C ) 19; और देखो Pontifox. j वेनाप्रसाद बनाम मुन्शीसेद 25 Suth 192-193; यह स्वीकार किया गया है कि बम्बईके एक्ट नं० २ सन् १८६३ ई० की दफा ६ का सम्बन्ध सिर्फ़ गवर्नमेन्ट और उस आदमी बीच है जो गोद होनेका वादी हो, देखो - वासुदेवानन्द बनाम रामकृष्ण
2 Bom. 529.
(२) नाबालिग्रीकी मियाद - एक्ट नं० १ सन् १८७५ई० की दफा ३ के अनुसार अब हिन्दुओंमें नाबालिग्री (अज्ञानता ) पूरे अठारह वर्षतक रहती है: सिवाय उन सूरतोंके जहांपर कोर्ट श्राफ़ जस्टिस् से वली ( रक्षक) नियुक्त कियागया हो या अज्ञान कोर्ट श्राफ वार्डस्के ताबे हो। ऐसी दशामें अज्ञानता इक्कीस वर्षकी उमर समाप्त होनेतक रहती है । मगर बम्बई और बङ्गालमें यह क़ायदा नहीं मानाजाता । वहांपर अज्ञान को गोद लेने और गोद लेने के लिये अधिकार होनेकी बात जायज़ मानी जाती है, बशर्ते कि वह समझदार होगया हो । अर्थात अज्ञान को कोर्ट आफ् बार्डस् के ताबे में रहने पर भी गोद लेने का अधिकार दिया गया हो इस रायको जुडीशल कमेटी ने भी पसन्द किया ।