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दफा ६२-६५] दत्तक लेनेके साधारण नियम
mmmmmmmmmmmmmmmmmm दत्तक की चाल प्रचलित है परन्तु राजपूताने में और उसके आसपासके ज़िलों में बहुतायतसे देखी जाती है। दफा ९३ किन कौमोंमें दत्तककी चाल नहींहै
___ अगरेज़ों तथा पारसियोंमें गोदकी चाल नहीं है । पारसियोंमें प्रायः इंगलिश लॉ आजकल माना जाता है । मुसलमानोंके कानूनमें भी दत्तक नहीं माना गया; देखो--मोहम्मद अल्लाहदाद बनाम मोहम्मद इसमाईल 10 All. 289-340%; दफा ९४ दत्तक विषय सात भागोंमें विभक्त है
- दत्तकका विषय इस कानून में निम्न लिखित ७ भागों में विभक्त किया गया है--किन्तु दत्तक मीमांसा में सिर्फ ६ भागों में विभक्त है--
केनकीहक्कदाकस्मैकस्मात्काक्रियतांसुतः 'विविच्यनोत्तं यत्पूर्वस्तदशेषमिहोच्यते ।
दत्तक मीमांसाके अनुसार ६ भागों में दत्तक विषय समाप्त हो जाता है। किन्तु इस किताब में उक्त विषय सात भागों में समाप्त किया गया है। वे सात भाग यह हैं
(१) कौन दत्तक ले सकता है ? देखो दफा ११-१५० (२) कौन दत्तक दे सकता है ? देखो दफा १५१-१७० (३) कौन दिया जासकता है और कौन लिया जासकता है ? देखो
दफा १७१-२३७ (४) दत्तक सम्बन्धी आवश्यक धर्मकृत्य क्या हैं ? देखो दफा २३८--२४६ (५) दत्तककी शहादत कैसी होना चाहिये ? देखो दफा २५०-२५५ (६) दत्तक लेनेका फल क्या है ? देखो दफा २५६--२८०
(७) द्वामुष्यायन दत्तक और अन्य ज़रूरी बातें, देखो दफा २८१--३२१ दफा ९५ पुरुष खुद या उसकी विधवा दत्तक ले सकती है
पुरुष स्वयं अपने लिये या उसकी विधवा अपने पति के लिये दत्तक ले सकती है । दत्तक लेनेका मुख्य काम पति पत्नी दोनों में से किसी एकके द्वारा होना परमावश्यक है, देखो-लक्ष्मीबाई बनाम रामचन्द्र 22 Bom 590; असलमें गोद लेने का अधिकार पति को है। पतिके जीतेजी उसकी स्त्री गोद नहीं ले सकती। यदि पति गोद लेनेकी आज्ञा दे गया हो तो विधवा स्त्री भी
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