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विवाह
[दूसरा प्रकरण
ब्रह्मानन्द १
विजय
श्यामा जब
श्यामा
लक्ष्मी सावित्री मकरंद
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पीढ़ी GK
सरस्वती-सुभद्रा-लक्ष्मीधर-उमाकांत
कांता
बीरभद्र
चन्द्रावती
सुलोचना
कमला
इस उदाहरणमें पहेशका विवाह सुलोचनाके साथ होना है। क्या महेशके पिताकी ओरसे सुलोचना सात पीढ़ीके अन्दर है ? नहीं वह आठवीं पीढ़ीमें है इसलिये तो विवाह हो सकता है । देखो ब्रह्मानन्द मूल पुरुषके दो लड़के हैं अज और गणेश, अजकी सन्तानमें सुलोचना आठवीं पीढ़ीपर है और गणेशकी सन्तानमें महेश आठवीं पीढ़ीमें है दोनोंका मूलपुरुष ब्रह्मानन्द है यहांपर मनके ३-५ के वचनका खंडन होता है "रसगोत्राचयापितः" समानगोत्रकी कन्याके साथ विवाह वर्जित है इसलिये महेशसे यद्यपि सुलोचना आठवीं पीढ़ीमें है तो भी विवाह नहीं हो सकता, लोकमें यह बात सामान्यतः तथा दोनों स्कूलोंमें मानी जाती है।
उमाकांतके एक पुत्र वीरभद्र और एक कन्या कांता है कांताकी कन्या चन्द्रावती है चन्द्रावतीका गोत्र महेशके गोत्रसे भिन्न हो गया। कांता जिस गोत्रमें विवाही गयी थी वही गोत्र अभी चन्द्रावतीका है महेशके गोत्रसे एक दर्जा हटा हुअा चन्द्रावतीका गोत्र है अब अगर चन्द्रावतीका विवाह महेशके साथ हो जाय तो वह अपने नाना उमाकांतके गोत्रमें विवाही गयी