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हिन्दूलॉ के स्कूलोंका वर्णन
[ प्रथम प्रकरण
पर जिनसे ईसाई मतका कुछ सम्बन्ध न हो उस आदमीके ईसाई हो जानेका कोई असर नहीं पड़ता। ऐसा आदमी आगे अपने चलनसे यह दिखला सकता है कि उन मामलों में वह कौनसा लॉ मानना चाहता है। चाहे वह अपना पुराना लॉ माने या छोड़ दे, ईसाई हो जाते ही उस आदमीका सम्बन्ध उसके खानदानसे छूट जाता है । यह मुक़द्दमा इण्डियन सक्सेशन ऐक्टके पास होने से पहिलेका है, आज कल ईसाई हो जाने वाले आदमियोंसे उक्त एक्ट लागू होता है अर्थात् उसके असर से अब ईसाई हो जाने वाले हिन्दू, हिन्दूला नहीं मान सकते हैं ।
(ग) दो भाई हिन्दू थे, पीछे वह दोनों ईसाई हुए । ईसाई होनेपर वे जैसा कि पहिले हिन्दू रहनेपर शामिल शरीक रहते थे उसी तरह पर शामिल शरीक रहते थे उसी तरहपर रहते रहे । कुछ दिन बाद एक भाई मर गया और उसने एक विधवा छोड़ी । मदरास हाईकोर्ट ने माना कि मृतकी जायदादका एक आधा हिस्सा उसके वारिसको मिलेगा, मगर बम्बई हाईकोर्टने यह माना कि सर वाइवरशिप ( दफा ५५८ ) के अनुसार दूसरे भाईको मिलेगा 10 Mad. 69; 31 Bom. 25; 40 Cal. 407, 417, 418.
( ३ ) हिन्दूलॉ के स्कूलों का वर्णन
दफा १४ 'स्कूल्स आफ् लॉ' का अर्थ और भेद पड़नेका कारण 'स्कूल' शब्द का अर्थ मदरसा या मकतब या पढ़ने की जगहका व्यापक हो गया है। यहांपर 'स्कूल' का अर्थ ऐसा कदापि न समझना चाहिये 'स्कूल' शब्दका यहां पर अर्थ है शाखा, संप्रदाय, ( देखो इंगलिश संस्कृत डिक्शनरी, पं० वामन शिवराम आप्टे सन १९१४ ई० पेज ३७८ ) 'स्कूल्स् आफ लॉ' यह अङ्गरेज़ी वाक्य है जिसका अर्थ है क़ानूनकी शाखाएं । यह क़ानूनकी शाखाएं हिन्दूलॉ की शाखाएं कहलाती हैं। आगे इस क़ानूनमें 'स्कूल' के नामसे या 'हिन्दूलॉ के स्कूल' के नामसे कही गयी हैं। जहांपर 'स्कूल' शब्दका प्रयोग किया गया हो वहां पर हिन्दूलों की उस शाखासे मतलब समझना चाहिये । स्कूलोंमें भेद पड़नेका कारण -- -- मिस्टर मेनने कहा है 'स्कूल्स् आफ् लॉ' ( Schools of Law) यह शब्द हिन्दुस्थानके प्रत्येक भागों में भिन्न भिन्न क़ानूनके अर्थ सबबसे बना है। स्कूलका अर्थ है 'शाखा,' अगर आप भिन्न भिन्न स्कूल बनने का पूरा पूरा इतिहास देखना चाहें तो देखो ( कलक्टर आफू मदुरा