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बेनामी क्या है
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दफा ७७६-७७७ ]
दफा ७०७ कितनी सूरतों में बेनामी मामला रद्द नहीं होगा
( १ ) नीलाम में खरीदने या बक़ाया मालगुज़ारी देने में- जब कोई जायदाद अदालतकी डिकरीके द्वारा नीलाम हुई और उसे किसीने दूसरे के नाम से खरीदा, या सरकारी बनाया मालगुज़ारीके अदा करने के लिये इसी तरहपर किसीने खरीदा और बेनामीदार ( जिसके नामसे जायदाद खरीदी गयी है ) को अदालतसे क़िवाला या सनद मिल जाय तो फिर असली खरीदार कभी अदालत में ऐसी नालिश नहीं कर सकता कि अमुकके नामसे जो जायदाद खरीदी गयी है बेनाभी है, और न उस जायदादको वह उससे वापिस ले सकता है ।
उदाहरण - 'क' ने ऐक डिकरी अदालतसे एक हज़ार रुपयेकी 'ख' के ऊपर प्राप्त की इस डिकरीकी इजरासे 'ख' की जायदाद नीलाम हो गयी, 'ग' ने उस जायदादको नीलाम में खरीदा मगर खरीदा 'घ' के नामसे । 'घ' को अदालत से खरीदने का सार्दीफिकेट ( क़िबाला ) मिला, अब 'ग' ऐसी नालिश 'घ' के ऊपर कभी नहीं कर सकता कि मैं नीलामका असली खरीदार हूं और 'घ' का नाम बेनामी है । ठीक इसी तरहपर यह क़ानून उस सूरत में लागू होता है जहांपर कि सरकारी बक़ाया मालगुज़ारीके अदा करनेके लिये जायदाद नीलाम की जाय यानी ऐसे नीलाम में भी यदि किसीने दूसरेके नामसे जायदाद खरीदी हो तो फिर असली खरीदार पीछे दावा नहीं कर सकता ।
इस विषय में क़ानून जाबता दीवानी एक्ट नं०५ सन् ११०८३० की दफा ६६ का मतलब इस प्रकार है- 'अदालत किसी ऐसे मुक़द्दमे का विचार नहीं करेगी जिसमें मुद्दई इस वयानसे कि मेरी तरफसे अमुक जायदाद, बाक्रायदा अदालत के नीलाम के द्वारा खरीदी गयी है किसी हक़का दावीदार हो, या ऐसे किसी आदमी की तरफ से खरीदी गयी थी कि जिसके ज़रिये से बह ऐसा हक़ रखता हो । 42 I. A. 177; 37 All. 546; 30 I. C. 265; मगर यह दफा ऐसे दावेको नहीं मना करती जिसमें कहा जाता हो कि खरीदारने दगाबाज़ी या असली मालिककी बिना रजामन्दी नीलामका सर्टिफिकट प्राप्त किया है, और न यह दफा किसी सालिसके इक़से लागू होगी जिसका उस जायदाद में कोई हक़ कार्रवाई करनेका प्राप्त हो और देखो एक्ट नं० 11 सन् 1859 ई० बंगालकी दफा ३६ एक्ट नं० 2 सन् 1864 ई० की दफा 38 मदरास, इसी विषयके कुछ फैसले भी देखो-कमीज़ाक बनाम मनोहर 12 Cal. 204, सुब्राबीबी बनाम हीरालाल 21 Cal. 519, 12 Beng. L. R. 317 (P. C) 12 Cal. 204; 21 Cal. 519; 12 Beng. L. R. 317 (P. C.).
(२) बेनामीदार के बेच देनेमें- अगर किसीने कोई जायदाद अपने लिये खरीदकी मगर खरीदी दूसरे के नामसे और जिसके नामसे खरीदी गयी