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धनवालकया। सीहासणसिहरोवरि मुच्चइ वरविलयहि सिरि कुरुलई लुंचइ । कोकोउ हसइ वियारहं वंकइ अहतु समप्पई डसणहिं डंकइ । चुंबिजंतु कवोलई चीरइ गलि लग्गंतु थणहिं अहिं खीरइ। कोमलपयहिं दलइ थणहारई आवंचिवि तोडइ सियहारई ।
परिवडुइ दिहि दिंतु सउँन्नहं पढमंकुतु नावइ इहुँ पुन्नहं । घत्ता। चिह्नई दरिसंतु महत्तरई सजणजणहियवउ भरइ ।
आणंदणंदिकलयलरवेण उज्झासाल पईसरइ ॥१॥ तहिवि तेण गुतुवयणणिउत्तिं परमागमकलगुणसंजुत्तिं । मुणिअक्खरसंकेयकयत्थे बहुवायरणसद्दसत्थत्थे । सयलकलाकलाव परियाणिय अवगाहणसत्तिए लहु जाणिय । जोइसमंततंतबहुभेयइं धणुविन्नाणबाणगुणच्छेयइं । विविहाउहई विविहसंवरणइ रणि हत्थापहत्थवावरणइं। दिण्णपहरपडिपहरपमुक्कइं लक्खणचलणचंचलाहुक्कई । मल्लजुज्झआवग्गणसंचइ ढोकरकत्तरिकरणपवंचई।
गयतुरंगपरिवाहणसन्नई सारासारपरिक्खणगन्नई। घत्ता । एमाइविसिंहई अण्णहिंमि अंगउ गुणिहिं तासु वरिउ ।
जिणमहिमपुज्जदाणोच्छविण उज्झासालहिं णीसरिउ॥२॥ उज्झासाल मुंएवि घतु आयहो थिरगंभीरगुणिहिं विक्खायहो । पिक्खिवि णिययसुपुत्तहो चरियई विजाविणयबहुग्गुणभरियई । धणवइ सुङ समुण्णयमाणउं अणुदिणु दिण्णु णिरंतरदाणउं । पुत्तविचित्तगुणिहिं परितुट्ठउ सलहइ घरिणिहि पुरउ पहि?उ । पिए सावण्ण एहु णउ दीसइ मंच्छुड कुलि उज्जोउ करेसइ । पोमलच्छि विहसेविणु जंपइ पुण्णोदइण काई ण समप्पइ । रुक्खहो णामि फलु संबज्झइ किं अंबई आमलउ णिबज्झइ ।
जो तउतणइं अंगि उप्पण्णउं तासु सरीरि होइ किं दुण्णउं । घत्ता । इय लीलई कोलंताई तहिं बेवि जाम विलसंति रइ।
तावण्णहिं दिवसहिं थोवइहिं विहडिय पिम्महंतणिय गइ॥३॥
१ B सिंहासणि २ B कुरुलविं ३ B कोकिउ ४ B समप्पिउ ५ B सउण्णई ६ B बहुपुण्णई ७ A विसहिं ८ B दाणुच्छवेण ९ A विज्झासालहो १० B मुइंवि ११ B परिहिर १२ B लइ