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तो अपराध होगा। जो मिला है उसे बांटना जरूरी है। जो मिला है उसके मिलने में ही यह शर्त है कि बाटना जरूरी है। मिल जाये और न बाटो तो कंजूसी होगी । और सब कंजूसिया माफ हो सकती हैं लेकिन परम सत्य मिल जाये और न बाटो तो यह अक्षम्य अपराध है। यह कभी भी क्षमा नहीं किया जा सकता।
हर सुमन का सुरभि से यह अनलिखा अनुबंध
को सौंपे बिना यदि मैं झरूं, सौगंध !
हर सुमन का हर फूल का सुरभि से यह अनलिखा अनुबंधा यह बिना लिखा काट्रेक्ट है, अनुबंध
हर सुमन का सुरभि से यह अनलिखा अनुबंध
अनिल को सौंपे बिना
हवाओं को सुगंध को सौंपे बिना ।
यदि मैं झरूं, सौगंध !
तो कसम है, झरना मत जब तक कि सुगंध हवाओं को सौंप न दी जाये। यह अनलिखा अनुबंध है। कहीं लिखा नहीं है। किसी कानून की किताब में नहीं है।
लेकिन ऐसा कभी हुआ भी नहीं है। कभी किसी ने चाहा भी करना तो नहीं कर पाया। बुद्ध ने चाहा था। सात दिन तक चुप बैठे रहे थे ज्ञान हो जाने के बाद। सोचा, क्या कहूं? कौन समझेगा? फिर जो समझ सकते हैं वे मेरे बिना भी समझ लेंगे-सौ में कोई एकाध । निन्यानबे तो ऐसे हैं कि मैं कहूंगा कहूंगा, कहता रहूंगा और वे न समझेंगे। क्या सार? वे सात दिन चुप बैठे रहे।
कथा मीठी है। ब्रह्मा सारे देवताओं को लेकर बुद्ध के चरणों में आये और कहा, आप बोलें। ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई बुद्ध हुआ हो और न बोला हो अनलिखा अनुबंध ! सौगंध है आपको, कसम है आपको। बोलें, क्योंकि बहुत लोग हैं जो प्रतीक्षातुर हैं। बुद्ध ने फिर वही तर्क दोहराया। कहा, मैंने भी सोचा था। लेकिन मैं सोचता जो नहीं समझेंगे, नहीं समझेंगे। और जो समझने योग्य हैं वे मेरे बिना भी खोज लेंगे। दिन-दो दिन की देर होगी। और क्या फर्क पड़ेगा? आ ही जायेंगे।
बात तो जंची थी ब्रह्मा को भी। वह भी सोच-विचार में पड़ गया कि बात तो ठीक है। सौ में कोई एक समझेगा। और जो समझने योग्य है वह बुद्ध के बिना भी खोज ही लेगा, थोड़ा टटोलेगा, थोड़ी देर- अबेर होगी, मगर पहुंच जायेगा। इसमें कुछ हर्जा नहीं होता। और जो निन्यानबे हैं वे सुनकर भी समझने वाले नहीं हैं। अब क्या करें?
तो देवताओं ने विचार-विमर्श किया होगा। और वे फिर एक तर्क लेकर बुद्ध के पास आये। उन्होंने कहा, आप ठीक कहते हैं। कुछ ऐसे हैं जो सुनकर भी न समझेंगे। और कुछ ऐसे हैं जो आपको बिना सुने भी समझ लेंगे। मगर इन दोनों के बीच में भी कोई एकाध है, बीच में भी कड़ी है एक, जो आप बोलेंगे तो समझेगा। आप न बोलेंगे तो न समझेगा । किनारे पर खड़ा है। – कोई धक्का दे देगा तो गिर पड़ेगा सागर में। किसी ने धक्का न दिया तो खड़ा रह जायेगा।