________________
416
उत्तराध्ययन
लाभालाभे सुद्दे दुक्खे .... १९-९० | वणरसङ्काय महगओ
लेझयण पवक्खामि
३४-१ ११-८
३४-५८
....
३४-५९ वण्णओ परिणया जे उ....... १६-१७ पण्णभो पीअप जे १६-१७१ षण्णओ छोहिए जे उ ३६ - १८१ घण्णओ सुकिले जे उ ३६ - १५८ वरुणालक्खणो कालो ३६-२१५ वरवारुणी व रसो २६-९८ परि मे अप्पा दंतो
सासु छ कापस साहिं समाहिं साहिं समाहिं बोगदे से स
19
39
लोगस्स एगदेसम्मि
39
लोहणी हुअ थीइ अ
प.
᎒ ፧ ፧ ᎒ ᎒ ᎒ ᎒ ᎒ ᎒ ፧ ᎒
बसु इंदियाथे बारिसहसंघयणो विधि कम्मुणो हे
""
Hi
....
....
0000
....
....
....
....
वलयलया पबगा कुहणा
३१-७
२२-६ १ - १३ ६-१५
घसे गुरुकुले णिचं वहणे बहमाणस्स बिवित्तसेज्जासण अंतिआणं विसएस अरजंतो विदूरमोगाडे २४-१८ जिसपे सबओ पारे जिमि सर काप ३६ - १८६ विसालिसेहिं सीलेहिं जहि जोग ८-१ | विसं पिवत्ता जह काल fineपकली अ बोभवा ३१-१८७ पीसं तु सागराई विसे अधोइए णिचं १-४४ बुदि सिणेहमप्पणो विसेण ताणं न सभे पमन्ते अण बेआवचे १९-६५ बेअणिअं पि न दुविहं विदंसहिं जाहिं चिभूसं परिवजिया | वेआ अहीआ न भवति ताणं १६-९ बिरई अभवेरस्स १९-२८ वेणं च मुहं दहि विरजमाणरस य इंदिपस्था १२-१०६ बेमायचे निउण विवायं च उदीरेह १७- १२ वेएज निजरापेही विवित्सलपणाणि भजाई २१-२२ बेमाणिभा उ जे देवा
....
४-५
....
....
....
....
www.
२६-११४ सद्दे विरतो मणुओ विसोगो .... २१-१७ सहेसु जो गिद्धमुबेर ति १९८८ सधवारजोओ ३६ - १६२ सद्धं च नगरं किच्चा ३६-२६५ स नाणनाणोवगए महेसी २० - २० सन्निहिं च न कुविजा १-४८ स पुज्जसरथे सुबिणीय संसद ३२-३६ स पुत्रमेवं न लभेज्ज पच्छा ३२-४० समएवि संतई पप्प ३२- ४५ ३२- ४१ १५-१४ २२-४२
समणा मु एगे वयमाणा
१६ - १० | समया सबभूएसु
सत्तरस सागराऊ
स अ इइ के से ससेब सहरसाई
सत्तेव सागराऊ सत्थग्गहणं विसभक्खर्ण.... सरर्थ जहा परमतिक सदेवगंध मणुस्स सहस्स सोअं गहणं वयंति सद्दानुगासाणुगए अ जीवे सद्दाणुरत्तस्स नरस्स एवं सद्दाशुषाए ण परिग्गहेण सहा विविहा भवंति लोए सद्दे अति अपरिग्गहे अ सद्दे रुवे अ गंधे अ
www.
....
....
....
वण्णओ गंधओ चेव बण्णओ जे भवे किन्हे वण्णओ जे भवे नीले
....
....
www.
....
....
0000
....
4035
....
....
....
0000
www.
....
....
....
....
1006
....
....
9003
GOOD
....
....
....
समणो अहं संजो बंभवारी
समणं संजयं दंतं समयाए समणो होइ
१०-९ | बाइआ संगहिआ चेष २६-१५ वाकायमइगओ १६- २२ वारण हीरमार्णमि ३६-२३ वासु वा रत्यासु व ३६ - १६ बाणार सीए बहिआ २६-२५ दायणा पुच्छणा श्रेष २६-२४ वा विविहं समिच छोए २६-२६ बालुआकवले चेष २८ - १० ३४-१४
1000
वासाई बारसेव उ वासुदेवो य णं भणइ
"
....
....
१-१६
२६-९५ विमरिज लाइ
११- १४
२७-२
३२-१२
स.
२५-१४
२६-१० सर्णकुमारो मधुसिदो २- १७ सण्णाइपिंडं जेमेह २६-२०७ सत्तरस सागराई २२-४७ | समरेसु अगारेसु
सभागवा बहू तथ समावण्णा न संसारे
३२ ३७ २८-१२ ९-२० २१ - २३ ६- १६ १-४७
४-९
३६-९
८-७
१२-९
....
२- २७ २५- ३१ १९- २५
....
www.
....
विभाणिआ दुक्खविषणं | विगहाक साय सण्णाणं |वेमायाहिं सिक्खाहिं
१९-९
के कसमायारे
१५-१२ यंतासी पुरिसो रा १-१४
....
....
समुद्दगंभीरसमा० समुआणं डंडमेसिज्जा समुबहि तर्हि संत समं च संघर्ष थीहिं सम्मतं चैव मिच्छतं सम्ममाणे पाणाणि सम्म सणरत्ता सम्म धम्मं विभणित्ता
सयणासण ठाणे वा
....
....
....
....
....
....
....
२०-४४ सई च ज मुखिया २०-१२ ३६-२२९ सकम्भसेसेण पुराकएणं १४-२ १०-२८ स खुदीसह तवोविसेसो १२-१७ २६-१३ सगरोवि सागरं सच्चसोअप्पगडा सच्चा तहेव मोसा य
१८-३५ ११-२
३३-७ १४- १२
२४-२०
99
....
www.
....
....
0000
****
२७-१४
१०-८
....
....
९-१०
३०-१८
२५-३
२०-२४
१५-१५
१९-३७
१६-१३२
२२-२५.
समिखं पंडिए तम्हा
समिईहिं मज्झं सुसमाहियस्स
....
....
....
.... ३-२
....
....
40*4
२२-११
१२-१०
१९ ९८
....
११-६
****
७-२०
३४-२५
१४-३८
२४-२२
१८-३७
१७-१९
३६-२२६
१-२६
२३-१९
६-२ १२-१७
११-३१
१५-१६
२५-१
१६-१
३३-९
१७-१
३६-२५६
१४-५०
३०-३६