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पार्श्वनाथ भगवान के दश भव
(१) मरुभूति (२) हाथी (३) सहस्रार देवलोक (४) किरणवेग विद्याधर (५) अच्युत देवलोक (६) वज्रनाभ राजा (७) मध्यम ग्रेवैयक (८) सुवर्णबाहु चक्रवर्ती (९) प्राणत देवलोक (१०) पार्श्वनाथ भ.
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महावीर स्वामी भगवान के २७ भव
(१) नयसार नामके ग्राम मुखी (२) सौधर्म (३) मरिचि राजकुमार (४) ब्रह्म देवलोक (पांचवा) (५) कौशिक (६) पुष्पमित्र ब्राह्मण (७) सौधर्म देवलोक (८) अग्निद्योत ब्राह्मण (९) इशान देवलोक (दुसरा) (१०) अग्निभूति ब्राह्मण (११) सनत्कुमार देवलोक (१२) भारद्वाज ब्राह्मण (१३) विश्वभूति राजकुमार (१७) महाशुक्र देवलोक (१८) त्रिपृष्ठ वासुदेव (१९) सातवी नरक (२०) सिंह (२१) चोथी नरक (२२) विमल राजा (२३) प्रियमित्र चक्रवर्ती (२४) महाशुक्र देवलोक (२५) नंदन राजकुमार (२६) प्राणत देवलोक (२७) महावीर स्वामी भ.
( दूसरे सब तीर्थंकर भगवान का तीन तीन भव हुआ हैं ) (१) मनुष्य (२) देवलोक (३) तीर्थंकर
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आदिनाथ भगवान को खुद के परिवार के साथ पांच भव महिधर सुबुद्धि पुर्णभद्र गुणाकर केशव देवलोक देवलोक देवलोक
देवलोक देवलोक
सुबाहु पीठ महापीठ सुयश सारथी देवलोक देवलोक देवलोक देवलोक बाहुबली ब्राह्मी सुंदरी श्रेयांसकुमार
(१) जीवानंद
(२) देवलोक
(३) वज्रनाभ
बाहु (४) सर्वार्थ सिद्ध देवलोक (५) ऋषभदेव
भरत
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