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विषय
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गाथा
ज्ञानावरणीयादि मूलकर्मप्रकृतिभोनु स्वरूप अने तेने आश्रयी प्रकृतिस्थानोनु वर्णन आदि
१६३-६६ ३ मूलप्रकृतिने आश्रयो बंध-उदय-सत्तास्थानविषयक परस्पर संवेधना सात विकल्पो १६६-६७ ४-५ मूलप्रकृतिविषयक संवेधना साते प्रकारोनो जीवस्थान अने गुणस्थानोने आश्रयी विचार
१६७-६८ ज्ञानावरणीयादिकर्मोनी उत्तरप्रकृतिओनु स्वरूप
१६९-८० ६ ज्ञानावरणीयकर्म अने अन्तरायकर्मनी उत्तरप्रकृतिओने आश्रयी बन्धादिस्थानोनु निरूपण अने तेमनो परस्पर संवेध
१८०-८१ ७-६ दर्शनावरणीयकर्मनी उत्तरप्रकृतिओने माश्रयी बन्धादिस्थानोनु कथन अने तेमनो संवेध
१८१-८३ वेदनीय आयुःकर्म अने गोत्रकर्मने आश्रयी बन्धादिस्थानोनु निरूपण अने तेमनो संवेध
१८४-८६ . १० मोहनीयकर्मनां बन्धस्थानो ११ मोहनीयकर्मनां उदयस्थानो
१८७-८८ १२-१३ मोहनीयकर्मनां सत्तास्थानो
१८८-८४ १४ मोहनीयकर्मनां बन्धस्थानोने लगता भांगाओ अने तेनुकालप्रमाण
१८९-९० १५-२० मोहनीयकर्मनां बन्धस्थानोनो उदयस्थानो साथे संवेध, तेने लगता भांगाओ, भांगाओनी सर्व संख्या प्रमाण भने पदवृन्दोनी संख्या
१९०-९७ २१-२३ मोहनीयकर्मनां बन्धस्थानोनो सत्तास्थानो साथे संवेध
१६७-२०२ २४-२५ नामकर्मनां बन्धस्थानो अने तेने लगता भांगाओ
२०२-२०८ २६-२८ नामकर्मनां उदयस्थानो अने तेने लगता भांगाओ
२०८-२१६ २९ नामकर्मनां सत्तास्थानो ३०-३२ नामकर्मनां बन्ध-उदय-सत्तास्थानोनो परस्पर संवेध
२१७-२२४ ३३-३८ आठे कर्मनी उत्तरप्रकृतिओनां बन्ध-उदय-सत्तास्थानो अने तेना संवेदना जीवस्थानीने आश्रयी स्वामीओ
२२५-२३८ ३६-५० आठे कर्मनी उत्तरप्रकृतिओनां बन्ध-उदय-सत्तास्थानो अने तेना संवेधनो गुणस्थानोने आश्रयी विचार
२३८-२६६ ५१-५३ आठे कर्मनी उत्तरप्रकृतिओना बन्ध-उदय-सत्तास्थानोनो अने संवेधनो गत्यादि मार्गणास्थानोने आश्रयी विचार
२६९-२७६ ५४ आठे कर्मनां उदीरणास्थानोने उदयस्थाननी माफक समजी लेवानी भलामण
२७६-७७ ५५ उदीरणा सिबाय उदयमा आवती एकतालीस प्रकृतिओनां नामो
२७७-७८ ५६-६० कया गुणस्थानमां कई प्रकृतिमा बंधाय तेनु निरूपण
२५८-८० ६१ शुबधी गतिओमां बधी प्रकृतिओ प्राप्य छे ? ए प्रश्ननु निराकरण
२८१ ६२ उपशमश्रेणिनु स्वरूप
२८१-१३