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, प्रथम ग्राहक नामावली ॥ ॥ रत्नसागर, मोहनगुणमाला प्रथम नाग ॥ तृतीयवर उपाके प्रसिद्ध करते समय, ज्ञानवृधी खाते, प्रथम साहाय्य करनेवाले, धर्मज्ञ ग्राहकोंकी नामावली मान्यसहित प्रकाशित करतेहे ॥ * ॥ : जैन नद्योतक श्री शीतल जिनेश्वर नवीन चैत्य कारापित (तथा) श्रीशिखर गिरी तीर्थराज पर चैत्य महिमा दया धर्म विस्तारक (तथा ) श्री मकशी पार्श्वनाथ तीर्थकी शोननीक व्यवस्था कारक, नत्कृष्ट नवपद नक्ति धारक। सर्व जैन मान्य, दूसरी जैन स्वेताम्बर कोन्फ्रेन्स (बंबई ) के प्रमुख, श्रीमान् बाइसरायके मुकीम जोहरी, खरतर गढी सुश्रावक २५ राय श्रीवद्रीदासजी वहापुर
रवासी कलकत्ता १५. बाबू श्रीवुधसिंहजी विजयसिंहजी उधेमिया अजीमगंज बाबू श्रीराय गणपतिसिंहजी वहापुर
अजीमगंज राय मेघराजजी जालमचंदजी कोठारी वहापुर अजीमगंज राय श्री धनपति सिंहजी राजसिंहजी वहापुर बालूचर मुकीम जोहरी बाबू श्रीमोतीचंदजी नकत्र
कलकत्ता सेठ दीपचंदजी पारख
जोधपुर सेठ श्रीबालचंदजी कनीरामजी आजम
- मुंबई पं० प्र । श्री पनालालजी रामरतनजी मुनिः । वीकानेर सेठ श्री फूलचंदजी गोलला .
फलोधी मगनीरामजी दानमलजी कोठारी.."
मुंबई ५. बाबू श्री नैरूंदासजी रिखनदासजी जोहरी
कलकत्ता हीरालालजी किसनचंदजी दूधम ..
वरधा गुलाबचंदजी नोमराजजी ( हस्ते ) सुगनचंदजी कानूगा मुंबई बाबू श्रीशिताबचंदजी नाहर
अजीमगंज बाबू श्री माधवलालजी जोहरी
कलकत्ता ४ जेठ मलजी गांधी वस्तपालजी वरढिया .२१ तत्वदीपक मोहनमाली जैनपाठशाला बुटकर
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मुंबई
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