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बीशस्थानक स्तवन तपस्या बिधि गुणनो
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प्राचार्य पदे १ उपाध्याय पढ़े २ थिवर पदे ३ साधू पदे ४ चारित्र पदे ५ गौतम पढ़े ६ तीर्थ पदे ७ यह सात थानकै तो पोसहज करके आराधै । तथापि शक्ति न हो (तो) तिस दिन देशावगासिककरे । सावद्य व्यापार त्यजै । सो पिण नहोइ ( तो ) यथाशक्ति तप करी राधे । अपणी ही नानावै ( तथा ) मृतक जातक का सूतकमें उपवासादि तप न गिरों, न जावै । स्त्रियां पि तु समय का तप न गिणें (तथा) तपके दिन पोसह सहित करे (तो) वहोत श्रेयकारी है । सो न होसकै । (तो) तपके दिन जय टँक पक्किमण करै । तीन टंक देव बंदन करै । दो सहस्र (२०००) एक पदका जप करे । ब्रह्मचर्य पालै । भूमि शयन करें । तपकै दिन तिसावद्य प्रारंभ व्यापार न करै । असत्य न बोलै । सर्ब दिन तप पढ़के गुणकीर्त्तनमें रहै । (तथा) तपके दिन पोसह करे (तो) पार के दिन जिन aक्ति करके पारणो करै । ( जो ) तपके दिन पोसह नहो (तो) न सी दिन श्री जिन भक्ति करे । करावे । भावना जावे । ( तथा ) तपकै दिन पदके गुण द प्रमाण संख्याई कानसग्ग करै । ( तावन्मात्र ) तद्गुण स्मरण पूर्वक खमासमण देई वंदना करे । उस पदका गुण यादकरके उदात्त स्वरै स्तवना करें। हर्षित रहै ॥
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॥ * ॥ थवीश स्थानक गुणनो और कावसग्गका प्रमाण लिखते हैं ॥ * ॥
॥ ॥ (एमो अरिहंताणं ) ( २००० ) गुणनो । लोगस्स १२ कानस ग्ग ॥ ॥ १ ॥ * ॥ ( णमो सिद्धाणं ) ( २००० ) गुणनो । लोगस्स १५ कानसग्ग ॥ ॥ २ ॥ * ॥ ( णमो पवयणस्स ) ( २००० ) दो हजार गुणनो। लोगस्स ७ कानसग्ग ॥ ॥ ३ ॥ * ॥ ( रामो आयरियाणं ) ( २००० ) दो हज्जार गुणनो। लोगस्स ३६ कानसग्ग ॥ * ॥ ४ ॥ *॥ ( नमो थेराणं ) (२०००) दो हज्जार गुणनो । लोगस्स १५ कानसग्ग ॥ * ॥ ५ ॥ * ॥ (णमो नवझायाणं ( दो हज्जार गुणनो । लोगस्स २५ का उसग्ग ॥ ॥ ६ ॥ ॥ ( णमो लोए सबसाहूणं ) २००० गुणनो। लोग रुस २७ कानसग्ग ॥ * ॥ ७ ॥ * ॥ (एमो नापस्स) २००० गुणनो । लो
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