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जैती संयुक्त नवपद नवीकरणंबिधि.
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तप पढ़का नज्वल वर्ण है (इसी सें) तंडुलका बिल करे । पच्चास जेद तप प दके चिंतवके नमस्कार करे ॥ ॥
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॥ ॥ अथ तप पदके (५०) नेद लि० ॥ ॥
१ ॥ यावत् कथक तपसे नमः ॥
२ ॥ इत्वर तप नेद तपसे नमः ॥ ३ ॥ बाह्य णोदरी तपनेद तपसे नमः ॥
४ ॥ अभ्यंतर कणोदरी तपनेद तपसे नमः ॥ ५ ॥ द्रव्यतप वित्ती संखेप तपभेद तपसे नमः ॥ ६ ॥ क्षेत्रतप बित्ती संखेप तपनेद तपसे नमः ॥ ७ ॥ कालतप वित्ती संखेप तपनेद तपसे नमः ॥ ८ ॥ नाव तप वित्ती संखेप तपनेद तपसे नमः ॥ ९ ॥ काय किलेस तपनेद तपसे नमः ॥
१० ॥ रस त्याग तपसे नमः ॥
११ ॥ इंद्री कषाय जोग विषयक संजीणता तपसे नमः ॥ १२ ॥ स्त्री पशु पंककादि वर्जितस्थान अवस्थित संजीप ता० ॥
१३ || आलोयण प्रायवित्त तपसे नमः ॥
१४ ॥ परिक्रमण प्रायवित्त तपसे नमः ॥
१५ ॥ मिश्र प्रायवित्त तपसे नमः ॥ १६ ॥ विवेक प्रायवित्त तपसे नमः ॥ १७ ॥ नृपसर्ग प्रायवित्त तपसे नमः ॥ १८ ॥ तप प्रायवित्त तपसे नमः ॥ १९ ॥ द प्रायवित्त तपसे नमः ॥ २० ॥ मूल प्रायवित्त तपसे नमः ॥ २१ ॥ प्रणवस्थित प्रायवित्त तपसे नमः ॥ २२ ॥ पारंचिय प्रायवित्त तपसे नमः ॥ २३ ॥ त्याग विनय रूप तपसे नमः ॥ २४ ॥ दर्शन विनय रूप तपसे नमः ॥
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