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श्रीशिखरजीकोरास.
२३५ राजासूर सुतात । कुंथुनाथ जिन जनमीयाजी । कंचनतनु श्रीमात ॥ ११॥ (जगतपति कुंथुजिनेसर सार) ॥ गगलंटन पेंतालीसनोजी। धनुषदेहनो मान । सहस पंचाणवे वरषनोजी । आयु प्रनुनोजान ॥ १२ ॥ ज० ॥ पेंती सगणधर दीपताजी । साउसहस मुनि जान । उसै साउसहस वलीजी। श्र मणी संख्यामान ॥ १३ ॥ ज०॥ सहस गुणियासी लकनीजी । श्रावक सं ख्या होय । सहस इक्यासी तीन लाखनी जी।श्राविका संख्याजोय ॥१४॥ ज०॥ सातसै साधू परवस्याजी। देवीबला गंधर्ब । कुंथुनाथ मुगरौं गयाजी। माससंलेखणसर्व ॥१५॥ ज०॥ * ॥ हा ॥ ॥श्रीअरिनाथ जिनं दनो । कहस्युं अब अधिकार । श्रोता सुणज्यो प्रेमधर । थास्यैलानअपार ॥ १ ॥ ( देसीविछियानी ) अरेलाला श्रीजिनकुशल सूरी सरू ए चा०॥ ॥अरेलाला श्रीअरिनाथ जिनेसरू । जिहां नगरी अयोध्या चंदरेलाला। तात सुदर्शन मातजी। नंदादेवी ना नंदरे लाला ॥ २॥ श्री अ०॥ लंडन नंद्यावर्तनो। वीसधनुष देहीनो मानरेलाला। कंचनवरण सुहामणो । आयु सहस चोरासी प्रमाणरे लाला ॥ ३ ॥ श्री० ॥ इकलाख श्रावक ऊपरै । वली संख्या अधिकी जाणरे लाला । सहसवहुत्तर तीननी । लद श्राविका संख्या प्राणरे लाला ॥ ४ ॥ श्री० ॥ देवदेवी सानिधकरे । इकसहस मुनि परिवाररे लाला। मुक्ति गए इणगिरि प्रनु । कर माससंलेखन साररे ला ला ॥५॥ श्री० ॥ मिथिलानगरी प्रनावती । मात पिता श्री कुन रायरे लाला । लंबनकलस पचीसनो । वपु धनुष सोवनसम कायरे ला ला ॥ ६ ( श्रीमतिनाथ जिनेसरू)॥ सहस पचावन वर्षनी । थित ग णधरअठावीसरे लाला । विककमल प्रतिवोधता। जगनायक श्रीजगदीसरे लाला॥७॥ श्रीम० ॥ चालीस सहस मुनीसरू । श्रमणी पचावनसहसरे लाला । सहस त्रयासी लदनी । श्रावकनी संख्या साररे लाला ॥ ८ ॥ श्रीम० ॥ श्राविका सित्तरसहसनी । लहतीन संख्या सुविचाररे लाला । सहस मुनी परिवारमुं । गए मुक्ति संलेखण धाररे लाला ॥ श्रीम० ॥राज ग्रही राजा पिता । सुग्रीव पद्मावती मातरे लाला । श्यामवरण तनु शोलतो। जे कपिल लंडन विख्यातरे लाला ॥९ (श्रीमुनिसुव्रतस्वामिजी)॥धनुष