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सामायक लेवापारवा देवसिक प्रतिक्रमण... १५३ जंते कहे । पछी खमासमण देई । इबा वैसणो संदिस्सा ॥ खमा० इला ॥ वैसणो ठगळं ॥ खमा ० इछा ॥ सिशाय संदिस्सा ॥ खमा ० इछा ॥ सशाय करुं। इछ । एम कही ।त्रण नवकार गणवा । पीबे घमी सशाय धर्म ध्यान करवू । इति सामायक लेवानी विधि ॥१॥
॥॥अथ सामायिक पारवा विधि ॥ ॥ .. ॥ ॥ खमासमण देई । इरिया वही पमिकमाथी (यावत् ) लोगस्स सूधी कही। खमा०॥छा ॥ मुहपत्ती पमिलेहुं (एम कही) मुहपत्ती पमिले ही। खमासमण देई ॥ इहा ॥ सामायिक पारुं। यथाशक्ती । वली खमास मण देई ॥ इहा ॥ सामायिक पारयु तहत्ती कही । परी जमणो हाथ चरवला ऊपर अथवा कटासणा ऊपर थापी । एक नवकार गणी (सामाश्य वयजुत्तो °) कहिए ॥ पी जमणो हाथ थापना सामो सवलौ राखीने एक नवकार गणी ॥ इति सामायिक पारवानो विधि ॥॥
॥ ॥ दैवशिक प्रतिक्रमण विधि॥ ॥ ॥ॐ॥ प्रथम सामायिक लीजें । पाणी वापरयुं होय (तो) मुहप त्ती पडि लेहवी । अनें आहार वावरयो होय (तो) वांदणां बेदेवा । तिहाबी जा वांदणांमां (आवसीआए) ए पाठन कहेवो । पठी यथा शक्ति पञ्चख्खा ण करवू । पी खमासमण देई । इछा० कही । वमेरायें (अथवा ) पोतें। चैत्यवंदन कहेवू । परी जंकिंचि०। नमोथ्थुणं० कही। कनाथईने । अरिहंतचे इयाणं कही। एक नवकारनो काकस्सग्ग करी । नमोऽर्हत् । कहीनें। प्रथम थुई कहेवी॥ पी। लोगस्स सवलोए अरिहंत चेइयाणं कही। एक नवकार नो कानसग्ग पारीनें । बीजी थुई कहेवी ॥ परी पुख्खरवरदी० कही। सु अस्स नगवो करेमि कानस्सग्गं । वंदण । कही। एक नवकारनो कान ।। स्सग्ग पारी । त्रीजी थुई कहेवी । पी सिघाणं बुधाणं कही। वेयावच्च ग राणं० करेमि कानस्सग्गं । अन्नत्थू० । कही। एक नवकारनो काऊसग्ग पारी । नमोऽर्हत् । कही। चोथी थुई कहेवी ॥ परी बेशीनें नमोथ्थुणं कहे, (पी) चार खमासमण देवापूर्वक । लगवान्, आचार्य, नपाध्याय, सर्व सा धुभ्यः । प्रतें थोन वंदन करीयें । परी इलाकारेण ॥ (देवसिक प्रतिक्रमण