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३८४-३८९ इस दर्शन की विशे ताएं--तीन शाखाएँ-कुमारिल, प्रभाकर
और मुरारिमिश्र । ३५. प्रास्तिक-दर्शन और धार्मिक-दर्शन
३९०-४१५ वेदान्त-दर्शन-आधार ग्रन्थ, उपनिषद, ब्रह्मसूत्र और भगवद्गीता और आगम-द्वैतमत--अद्वैतमत-विशिष्टाद्वैतमतशुद्धाद्वैतमत-निम्बार्कमत-- भास्करमत- यादवप्रकाशमतचैतन्यमत-शिवाद्वैतमत-शैवमत की धार्मिक शाखाएँपाशुपतमत, शैवमत, कश्मीरी शैवमत और शाक्तमत-दशनों
का इतिहास । ३६. उपसंहार
परिशिष्ट अनुक्रमणिका