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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
जो यत्-सम्बन्धी सर्वनाम एकवचन .
बहुवचन प० जु, जो वी० जं त० जेण, जिं, जें च० छ० जासु, जसु, जस्स, जहो, जहे जाहं, जाह पं० जउ, जहे स० जहि, जम्मि
जहिं सोतद्-वह-निर्देशवाचक सर्वनाम एकवचन
बहुवचन सो, सु, स वो तं
तेण, तई', तें, ति तेहि, ताहँ, तेहि च०, छ० तासु, तहो, तहि, त्सु पं० तहे, तउ स० तहि, तहि
तहिं . क<किम्-क्या, कौन-प्रश्नवाचक सर्वनाम एकवचन
बहुवचन प०,वी० को, कु त० केण, कई च०,छ० कहो, कहु, कस्स, कासु पं० कउ, किहे, कहां स० कहि, कहि कवण के रूप सब के समान होते हैं।
आय< इदम्-यह एकवचन
बहुवचन प० आयु, आयो, आय, आया आये, आय, आया बी० आयु, आय, आया
आय, आया त० आयेण, आयेणं, आयें आयेहि, आयहिं, आयाहिं
शेष शब्दरूप सव्व के समान बनते हैं।
स्त्रीलिङ्ग में सव्वा शब्द के रूप माला के समान होते हैं। एतद शब्द के स्थान पर स्त्रीलिङ्ग में एह आदेश होता है। अत: प्रथमा और द्वितीया के एकवचन में एह और इन विभक्तियों के बहुवचन में एहउ, एहाऊ रूप बनते हैं।
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