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________________ अभिनव प्राकृत-व्याकरण णिमे णिप्फिड नि+स्फिट बाहर निकलना णिबंध नि + Vबंध बांधना णिबुड्ड, णिबोल नि + मस्ज निमजन करना, डूबना गिब्भच्छ निर + Vमर्ल्स तिरस्कार करना, अपमान करना, अवहेलना करना णिब्भर निर + भृ भरना, पूर्ण करना णिभिद निर+भिद् तोड़ना, विदारण करना णिभाल नि + भालय देखना, निरीक्षण करना णिभेल निर + भेलय बाहर करना णिम, णिस नि+ अस् स्थापन करना णिमंत नि+मन्त्रय निमन्त्रण देना णिमज्ज नि+मस्ज डूबना, निमज्जन करना णिमिल्ल नि + Vमील आँख मूंदना, आंख मींचना नि+मा स्थापन करना जिम्म निर+मा बनाना, निर्माण करना णिम्मच्छ नि+म्रक्ष विलेपन करना गम् । जाना, गमन करना णिरक्ख, णिरिक्ख निर + Vईक्ष निरीक्षण करना, देखना णिरव आ + क्षिप् आक्षेप करना निर + अस् अपास्त करना निरा + कृ निषेध करना, दूर करना गिरिग्घ नि+Vली आश्लेष करना, भेंट करना णिरिणास गम्, पिष , निश् गमन करना; पीसना; पलायन करना णिरंभ निरुध निरोध करना, रोकना णिरुवार ग्रह ग्रहण करना णिरूव नि+ रूपय विचार कर कहना णिलिज नि+Vली भेटना, मिलना णिलीअ दूर करना णिलुक्क तोड़ना जिल्लस उत् + लस उल्लसना, विकसना जिल्लुंछ छोड़ना, त्यागना णिवज्ज निर + पद्, नि+ सद, उपजना; बैठना . नि+Vवृत् ....... निवृत्त होना, लौटना, हटना णिम्मह णिरस णिराकर मुच णिवट्ट
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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