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________________ अभिनव प्राकृत व्याकरण मा Vघुर्ण दे० घुम्म घुरुक्क घुरघुर . घुलघुल Vघुरघुराय Vघुलघुलाय मिथ घुसल घूमना, चक्राकार फिरना घुड़कना, घुड़की देना घुरघुराना घुलघुल की आवाज करना मथना, विलोडन करना ग्रहण करना निद्रा में घुरघुर की आवाज करना घिसना, रगड़ना घोषणा करना ग्रह घुर. घोर घोल घोलय Vघोषय चंकम चंछ, चच्छ चंड पिष चंप चंप चकम, चक्कम चक्ख चच्चुप्प चज्ज चट्ट चड चड्ड चक्रम् बारम्बार चलना, इधर-उधर भ्रमण करना Vतक्ष छीलना, तरासना, काटना पीसना दे० चांपना, दबाना चर्च चर्चा करना भ्रम् घूमना, भटकना आ + स्वादय चखना, स्वाद लेना, चीखना अर्पय अर्पण करना Vश् देखना, अवलोकन करना चाटना आ+ रह चढ़ना, ऊपर बैठना समृद्, पिष , भुज मर्दन करना, मसलना; पीसना; भोजन करना आ + क्रम् आक्रमण करना चमत् + क विस्मित करना, आश्चर्यान्वित करना भुज् भोजन करना Vत्यज , शिक्, Vघ्यु छोड़ना, सकना, समर्थ होना; मरना Vवर -गमन करना, चलना चल कथय , च्यु कहना, बोलना; मरना, च्युत होना चप्प चमक्क चमड चय चर चल चव
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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