________________
३५२
अभिनव प्राकृत-व्याकरण
कदर्थय
कयस्थ कर, कुण, कुव्व कराल कल
करालय कलय्
कव कस
हैरान करना करना, बनाना फाड़ना, छिद्र करना संख्या करना, जानना आवाज करना, शब्द करना कसना, घिसना ताड़न करना, मारना कहना, बोलना; क्वाथ करना,उबालना करवाना, बनवाना कहरना, खाँसना श्लाघा करना, स्तुति करना खेलना, क्रीडा करना
Vकस् कशाय कथय , कथ कारय्
कसाय
कह
कार कास
कास
किट्ट
कीर्तय
- क्रोड्
फेंकना
किड्ड, कील किर किलाम किलिस कीण, के कुंच कुच्छ कुज्झ
क्लमय क्लिश क्रो
कुत्स्
Vथ्
कुट्ट
क्लान्त करना, खिन्न करना खेद पाना, थक जाना, दुःखी होना खरीदना, मोल लेना जाना, चलना निन्दा करना, धिक्कारना क्रोध करना कूटना, पीसना, ताड़न करना कोप करना; बोलना, कहना कुलकुलाना, बड़बड़ाना आवाज करना, कौए का बोलना सड़ जाना, दुर्गन्ध देना, बदबू आना साफ करना, ठीक करना बुलाना, आह्वान करना
Vकुट्ट
कुप् , भाष Vकुरुकुराय
कुप्प कुरुकुरु
कुरुल
कुह केलाय
कोक
समा + रचय व्या + Ve
खंच
खंज
खङ्ग खण्डय
खींचना, वश में करना लंगड़ा होना तोड़ना, टुकड़े करना सींचना, छिड़कना पावन करना, पवित्र करना
खंप
खच
खच्