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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
२८१ उभयपदी पूस पुष--पुष्ट होना--वर्तमान एकवचन
बहुवचन प्र० पु० पूसह, पूसए, पूसेइ पूसन्ति, पूसन्ते, पूसिरे, पूसेन्ति म० पु० पूसासि, पूससे, पूसेसि पूसित्था, पूसह, पूसेहत्था उ० पु० पूसामि, पूसमि, पूसेमि पूसिमो, पूसामो, पूसमो; पूसिमु,
पूसामु, पूसमु; पूसिम, पूसाम, पूसम
भूतकाल
एकवचन
बहुवचन प्र० पु० पूसी
पूसी म० पु० , उ० पु० ,
भविष्यत्काल एकवचन
बहुवचन प्र० पु० पूसिहिइ, पूसिहिए पूसिहिन्ति, पूसिहिन्ते, प्रसिहिरे म० पु० पूसिहिसि, पूसिहिसे पूसिहित्था, पूसिहिह उ० पु० पूसिस्सं, पूसिस्सामि, पूसिस्सामो, पूसिहामो, पूसिहिमो; पूसिहामि, पूसिहिमि पूसिस्सामु, पूसिहामु, पूसिहिमु,
पूसिस्साम, पूसिहाम, पूसिहिम,
पूसिहिस्सा, पूसिहित्था विशेष-अकार को एत्व कर देने से भी इसके रूप बनते हैं।
विधि एवं आज्ञार्थ
बहुवचन प्र० पु० पूसउ
पूसन्तु म० पु० पूसहि, पूससु, पूसेज्जसु,
पूसज्जेहि, पूस उ० पु० पूसिम, पूसामु, पूसमु पूसिमो, पूसामो, पूसमो विशेष-अकार को एत्व कर देने पर भी इसके रूप बनते हैं।
क्रियातिपत्ति
एकवचन . ------- बहुवचन प्र० म० उ० पु० पूसेज, पूसेजा, पूसन्तो, पूसेज, पूसेजा, पूसन्तो, पुसमाणो -
पूसमाणो
एकवचन