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अभिनव प्राकृत-व्याकरण अप्पेव < अप्येवम् – संशय अभिक्खं अभीक्ष्णम्-निरन्तर,
बारम्बार
अभितो< अभितः-चारों ओर अलं< अलम्-बस, पर्याप्त अलाहि < अलंहि-निवारण, निषेध अवस्सं< अवश्यम्-अवश्य अवरि उपरि-ऊपर
असई ८ असकृत्- अनेक बार अहत्ता < अधस्तात्-नीचे अहव, अहवा अथवा-पक्षान्तर अहा< यथा—जिस प्रकार अहे < अधः-नीचे आवि< आवि:-प्रकट
आहच्च < आइत्य-बलात्कार इ<इ-पादपूर्ति के लिए इओ< इत:- यहां से, वाक्यारम्भ में इक्कसरिअं< एकसृतम्-सम्प्रति इत्थत्तं< इत्थंत्वम्-इसप्रकार इच्चत्थो< इत्यर्थ:-इसके निमित्त इयाणिं < इदानीम्-इस समय इर< किल-निश्चय
इह < इह-यहीं इह < ऋधक्-सत्य
इहयं<धकक-सत्य इहरा< इतरथा-अन्यथा इं<किम्-प्रश्न, गर्दा ईसिं<ईपत्-थोड़ा
ईसि< ईषत्-थोड़ा उत्तरओ उत्तरत:- उत्तरसे । उच्चअ< उच्चैः-ऊँचे उत्तरसुवे< उत्तरश्च:-पश्चात् उपि < उपरि-ऊपर उवरि< उपरि-ऊपर
उवरि< उपरि- ऊपर एअं< एतत् - यह
एकइआ< एकदा-एक समय एकइआ< एकदा-एक समय एक्कया< , एकसरिअं< एकसृतम् -झटिति, एकसि, इक्कसिदएकदा-एक समय
सम्प्रति एकसिअं, इक्कसिअं< एकदा- एगइया, एगया< एकदा-एक समय
एक समय एगयओ८ एकैकतः-एक-एक एगंततो एकान्तत:-एक ओर एगझं< ऐकध्यम् –एक प्रकार एतावता, एयावयाद एतावता-इतना एत्थं, एत्थ < अत्र—यहां एव< एव-ही एवंद एवम्-इस तरह
एवमेव< एवमेव-इस तरह कओर कुत:-कहां से
कस्थइ कुत्रचित्-कहीं कल्लं < कल्यम्-कल . कह, कहं < कथम्-कैसे कहि, कहिं < कुन-कहां कालओ<कालत:-समय से