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________________ अभिनव प्राकृत-व्याकरण १०९ सुद्धोअणीदशौरोदनि:-तालव्य श को दन्त्य स, औकार को उत्व, द का लोप, अ स्वर शेष, न को ण। सुगंधत्तणं < सौगन्ध्यम्-औकार को उत्व । सुन्देरं< सौन्दर्यम्सुपण्णिओ< सौर्णिकः-औकार को उत्व । (घ) औ = आव नावा< नौ:-औकार के स्थान पर आवादेश । (ङ) औ = ओ गोरी गौरी-गकारोत्तर औकार को ओत्व । कोमुई < कौमुदी-ककारोत्तर औकार को ओत्व, दकार का लोप और ई स्वर शेष। कोसंबी ८ कौशाम्बी-ककारोचर औकार को ओत्व, तालव्य श को दन्त्य स । कोसिओ< कौशिक:- , , , क लोप, अस्वर शेष, विसर्ग को ओत्व। कोत्थुहोर कौस्तुभः–ककारोत्तर औकार को ओत्व, स्तु के स्थान में त्थु, भ को ह और विसर्ग का ओत्व । जोव्वणं< यौवनम्-यकार को ज और औकार को ओव। कोंचोर क्रौञ्चः-ककारोत्तर औ को ओत्व । व्यंजन परिवर्तन (११) संस्कृत की क ध्वनि का प्राकृत में ख, ग, च, भ, म, व और ह में .. परिवर्तन होता है। (क) क = ख खप्परं कर्परम् -क के स्थान पर ख, संयुक्त रेफ का लोप और प को द्वित्व । खीलो< कील:-क के स्थान पर ख, विसर्ग को ओत्व । खीलओ-कीलक:-क के स्थान पर ख, अन्त्य क का लोप अ स्वर शेष और विसर्ग को ओत्व। खुजो< कुब्जः-क के स्थान पर ख, संयुक्त व का लोप और ज को द्वित्व । (ख) क =ग अमुगो< अमुक:-क के स्थान पर ग और विसर्ग को ओल्व । असुगो< असुक:आरिसो<आकर्ष:-क के स्थान पर ग, र्ष के स्थान पर रिस, विसर्ग का ओत्व ।
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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