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अभिनव प्राकृत-व्याकरण सुवे कर श्वः कृतम्-श और व् का पृथक्करण, श को स, उत्व ।
सुवे जना< स्वे जनाः-स् और व का पृथक्करण एवं उत्व । ( १७२ ) ज्या शब्द में पृथक्करण और अन्त्य व्यंजन से पूर्व ईकार होता है। यथा
जीआ<ज्या-ज और या का पृथक्करण, ईत्व और य लोप तथा आ स्वर शेष।
१. ज्यायामीत् ८।२।११५. हे।