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________________ लानन्यापीठ असमर गमनां सूर्यमास्वघसघमी न चन्द्र विद्राय यतिी रोलममलसुधा धारया प्रयन्ति । सत्ताल दूरसती ती) परपुरुषवरं पाकुतीनं प्रपद्य को स्वास्था माति प्रयाति वितरति भारती सावत TRANCE पात्लोडचेलामृताभिः प्रसरसमुदयाहारलता वाग भव श्री काम रुचत श्रृंगारभावाजनितपरमो ध्यानसर्गापना /मानक भास्व चन्द्राग्निरूपात मुगिजनयतिथा मन्त्ररुप त्रिकी- - पर रिसा देवी मंत्रशक्ति सपदि दिशतु रो मंत्ररिदि सुसिदि छ । HEN Aidin INTROPICATION AE जागे मुद्भस्ततत्ता पारिएमदमृता समान्त भूमौ । स्वेच्छोमेशे विभृत्य प्रतवरकर प्रान्त कोटीवरूण सन्टये बीजं त्धन्ती विदलिता जगता गाससादाधिकारख्यो / नामानामाविकोत कटचिरनुयारा सा बाक श्रियंका SARI KM Hacts WMES EASE
SR No.032031
Book TitleSarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages124
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size16 MB
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