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________________ ७१ माँ सरस्वती श्री सरस्वती साधना विभाग • वाणीनी स्वामिनी एक तूं दीसती, हारिणी पापनी पुन्यनी पोषिणी, पाणिनी पार पामे सदा प्रेमथी, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा०६ • बाळ शा ! भावथी पाय जे सेवतां, 'एँ नमः' मंत्रने चित्तमां धारतां , त्रिक जे योगनी शुद्धता पामतां, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा०७ • सत्यनिष्ठा थकी आत्मज्ञाने करी, मोहना वृंद मोडुं तुज म्हेरथी, मांगु ना अन्यने कीमती कांईना, भक्तने ज्ञाननो सार द्यो....शारदा०८ मात हे भगवती! झुलना छंद (धार तलवारनी सोहली...) . मात हे भगवती ! आव मुज मनमहिं, ज्योति जिम झगमगे, तमस जाये टळी ; कुमति मति वारिणी, कवि मनो हारिणी, जय सदा शारदा, सारमति दायिनी ।। मात हे...भगवती०....१ . श्वेत पद्मासना, श्वेत वस्त्रावृता, कुन्द-शशि-हिम, समा गौर देहा; स्फटिक माळा वीणा, कर विषे सोहता, कमळ पुस्तक धरा, सर्व जन मोहतां || मात हे...भगवती०....२ अबुध पण बैंक तुज, महेंर ने पामीने, पामता पार, श्रुतसिन्धुनो ते; . अम पर आज तिम, देवी ! करुणा करो, जेम लहीए मति, विभव सारो || मात हे...भगवती०....३ । • हंस तुज संगना, रंगथी भारति ! जिम थयो क्षीर-नीरनो विवेकी; तिम लही सार-निःसारना भेदने, आत्महित साधु कर, मुज पर म्हेंरने ।। मात हे...भगवती०....४ . देवि ! तुज चरणमां, शिर नमावी करी, एटलुं याचीए, विनय भावे करी; याद करीए तने, भक्तिथी जे समे, जीभ पर वास करजे, सदा ते समे || मात हे...भगवती०....५
SR No.032027
Book TitleSamyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshsagarsuri
PublisherDevendrabdhi Prakashan
Publication Year2007
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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