SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 79
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ माँ सरस्वती ६९ श्री सरस्वती साधना विभाग श्री सरस्वती गीत गुंजन विभाग | मां भगवती (राग : सुणो चंदाजी) माँ भगवती विद्यानी देनारी, माता सरस्वती ! • तुं वाणी विलासनी करनारी, अज्ञान तिमिरनी हरनारी, तुं ज्ञान विकासनी करनारी...माँ भगवती...(१) . तुं ब्रह्माणी तुं जगमाता, आदी भवानी तुं त्राता; काश्मीर मंडनी (मंदिरनी) सुखशाता...माँ भगवती...(२) • तुज मस्तके मुगुट बिराजे छ, दोय काने कुंडल छाजे छे, हैये हार मोतीनो राजे छे...माँ भगवती...(३) • एक हाथे वीणा सोहे छे, बीजे पुस्तक पडिबोहे छे, कमलाकर माला मोहे छे...माँ भगवती...(४) . हंसासना बेसी जगत फरो, कवि जननां मुखमां संचरो, माँ मुजने बुद्धि प्रकाश करो...माँ भगवती...(५) । • सचराचरमें तुह वसी, तुज ध्यान धरे चित्त उल्लसी, ते विद्या पामे हसी हसी...माँ भगवती...(६) . तुं क्षुद्रोपद्रव हरनारी, शासनदेवी छे मनोहारी, हुं जाउं तोरी बलिहारी...माँ भगवती...(७) • माता सरस्वती विद्यानी दाता, तुं त्रिभुवनमा छे विख्याता, तुज नामे लहीए सुखशाता...माँ भगवती...(८) शारदा तुं माता (राग : तुम्ही हो माता) . शारदा तुं माता, सभी की माता ; अज्ञान त्राता, ज्ञान प्रदाता बालक तेरा आया शरणमें, वंदन करके शीश झुकाता...शारदा० (१) - हंसवाहिनी वीणा वादिनी, कमलासनी तुं देवी महान; मानव देव पंडित तेरे, ध्यान से बनते बडे विद्वान...शारदा०(२) - विद्या को पाने आये शरणमें, हृदयकमल में तेरा ही ध्यान; वीणावाली माँ अधरो पें आके, बसो सदा ही हमे हो ज्ञान...शारदा० (३)
SR No.032027
Book TitleSamyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshsagarsuri
PublisherDevendrabdhi Prakashan
Publication Year2007
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy