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ॐ
Saty॥ नमः श्री वीतदोषाय ॥
परिशिष्ट पर्व -
3 अथात =
ऐतिहासिक पुस्तक
भाग १ ला.
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हिन्दी अनुवाद लेखक, स्वर्गीय जैनाचार्य श्रीमद्विजयानन्दमरि (श्रीआत्मारामजी) के प्रशिष्य मुनि महाराज श्री
ललितविजयजीके शिष्य मुनि श्रीतिलकविजयजी. U U U U UU UUU UUU UTOR
प्रकाशक, श्रीआत्मतिलक ग्रंथ सोसायटी-जामनगर.
विद्यावृत्ति
सागर श्री वीर सं. २४४३ श्री आत्म सं. २२
प्रेसमें विक्रम सं. १९७३ ईस्वीसन् १९१७ मूल्य-रु.१-०-०
जामनगर
प्रथमा
छपा,