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राजासाहब पहाड़गड़ के टयूटर तथा गार्डियन रहने के पश्चात ग्वालियर रियासत के कोर्ट ऑफ वार्डस के मेम्बर के पदपर काम करचुके हैं। आपका बड़ेबडे रईसों से मित्रत्व है । आप बंदूक से अच्छा निशाना लगाते हैं और शेर की शिकार का आपको शौक है आपकी दिलेरी का यहां के श्री महाराजसाहब को इतना भरोसा है कि शेर की शिकार के समय वे इन्हें स्वयं अपने साथ तथा अपने दामाद के साथ रखते हैं । आपका इस संबंध का छाया चित्र चित्रमय जगतके सप्टेंबर सन १९२९ ई. के अंक में भी प्रसिद्ध होचुका है । चौधरी कुलको इनों ने गौरवान्वित कर रक्खा है ।
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देवास राज्य २ के चौधरी छत्रासिंह राज्य कोषके कर्मचारी हैं और ठाकुर कृष्णसिंह चौधरी राज्य में तथा प्रजाके सन्माननीय नेता माने जाते हैं ।
इस कुलके वंशज ठाकुर कहलाते हैं । और सभी पुरुषों नाम सिंहांतक होते हैं ।
पुराने कागद पत्रों में देखने से पायागया है कि पहिले इसकुल के लोगों की भाषा गुजराती होना चाहिये । इन्हें पवार सरकार की ओर से चप्रास आदि सम्मान सूचक चिन्ह मिले. हुए हैं । पहिले इनका सिक्का मोर्तब भी पत्रों पर होता था ।