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करती है कि, प्रेमजी, प्रागजी, आणंदजी विमल संतान याने उन्ही के वंशज हैं। यह लेख * पहिले इसी पुस्तक में दिया गया है परंतु वहां गोत्र के महत्व से दिया है और यहां उसका और ही महत्व है। [ अहमदाबाद की प्रसिद्ध पेढी के उत्पादक ये ही तो नहीं ? ? ] .
पोरवाड ज्ञाति में विमल शाह एक रत्न समान हो गये हैं इनका कीर्तिमय प्रकाश आज भी सारे संसार को आश्चर्यान्वित कर रहा है।
वस्तुपाल तेजपाल ।
। इस चरित्र-लेखन में पं० शिवदत्तजी शर्मा के " सोमेश्वर
और कीर्तिकौमुदी” इस लेखका बहुत उपयोग किया है ).
वस्तुपाल तेजपाल का जन्म वृतांत " वृद्ध लघुशाखा के" उप्तत्ति वर्णन में दियाजाचुका है अतएव पाठक वह जानते हो
स. १७०२ वर्षे मार्गशिर सुदि ६ शुझे श्री अंचलगच्छाधिराज पुज्य श्रद्धारक श्री कल्याण सागर सूरिश्वराणामुपदशेन श्री दिवबाँदर बास्तब्य प्रगाग्वाट ज्ञातीय नागगात्रे मंगी विमल संताने मं. कमल सी पुत्रा मंजीवा पुत्र मं• प्रेमजी स. प्रागजी मं०. आणंदजी पुत्र केवनजी प्रमुख परिवार युतेन स्वपितृ मं. जीवाश्रेयोर्य श्री आदिनाथ विंबंकारितं प्रतिष्ठितं चतुर्विध श्री संधेन ।