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लाडकी प्रमुख कुटुम्ब युतेन स्वश्रेयोर्थ श्री नमिनाथ बिंबं का. प्र. तपा गच्छे श्री लक्ष्मीसागर सूरिभिः । विसल नगर वास्तव्य ॥ श्री ॥
१८ दोसी गोत्र। ॐ ॥ ॥ नमः संवत (१६) २० वर्षे आषाढ सुदि २ खौ गांधार वास्तव्यं । प्रागं (वंश) दोसी । श्री गोइयासुत दौ। नेजपाल भार्या बाई (भोड) की सुत दौ । पंचारणा भ्रात दौ । भीम दौ । नने । दौ देवराज प्रमुख (स्व) कुटुंटुबेन युतः । श्री महावीर देव कुलिका । कारापिता हर्षेण । तपा गच्छे विबुध शिरोमणि श्री विजयदान सूरि श्री हीर विजय सूरि प्रसादा ( त ) शुभं भवतु ॥ श्रीः ॥ श्रीः ॥ श्रीः ॥
[एपि ग्राफिया इंडिका-२-४८ ] उक्त शिलालेखों से पोरवाडौं के जो गोत्र मिले हैं बे:१ ठकुर २ मूठलिया ३ दोसी ४ संघवी ५ कोठारी ६ झूलर ७ लिवां ८ अबाई ९ नाग १० गांधी ११ भंडारी १२ उबरड है; परन्तु यह गोत्र वैसेही आचार्य प्रणित अटक रुपि हैं।
श्रीमाली गोर मालव निवासी कइ पोरवाड महाजनों को उनके गोत्र बता गये हैं वे निम्नोक्त हैं:१ पडियाल २ राठोर ३ सिसोदिया ४ तवेरचा ५ मंडलिक ३ वाबलेशा ७ फूल मगेरा ८ सोनल