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समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (पू)
प्रश्नकर्ता : स्त्री-पुरुष के विषय के बारे में प्रश्न है। दादाश्री : हाँ, वही न! विषय के अतिरेक को लोभ कहा
प्रश्नकर्ता : कोई इंसान विषय भूखा होता है, वह क्या 'व्यवस्थित' के हिसाब से होता है?
दादाश्री : नहीं। ऐसा है न, कि यह बड़ी कड़ाही हो, और उसमें कढ़ी बनाई हो, उसमें हींग का बघार लगाया। अब छः महीने बाद उस कड़ाही को फिर से मांजकर उसमें खीर बनाओ, फिर भी अंदर हींग की गंध आएगी। क्यों? क्योंकि हींग का स्पर्श हो गया है। उसी तरह विषय का स्पर्श अंदर पड़ा है।