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चिंता से मुक्ति (५)
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शोर मचाना शुरू कर दिया कि इस साल चावल नहीं मिलेंगे!
दादाश्री : अरे, जो शोर नहीं मचाते, उन्हें ये लोग मूरख कहेंगे कि देखो न, इसे समझ ही नहीं है न! और जो शोर मचाएँ उन्हें ये लोग जागृत कहेंगे! लोग ऐसे हैं!
जो चिंता मिटाए, वही मोक्षमार्ग संसार में हो और चिंता में ही रहे और वह चिंता नहीं मिटे, तो फिर उसके न जाने कितने ही जन्म बाकी रहें! क्योंकि चिंता से ही अगला जन्म बंधन होता है।
प्रश्नकर्ता : लेकिन चिंता तो होती ही है न, क्योंकि महँगाई अभी बहुत बढ़ गई है।
दादाश्री : सस्ता करना क्या तेरे हाथ में होगा? प्रश्नकर्ता : अपने हाथ में कैसे हो सकता है? दादाश्री : तो फिर उसकी चिंता आपको नहीं करनी है। प्रश्नकर्ता : चिंता बंद करने के लिए क्या करना चाहिए?
दादाश्री : वह तो 'ज्ञानीपुरुष' के पास आकर कृपा ले जाना फिर चिंता बंद हो जाएगी, और संसार चलता रहेगा। आपके घर पर तो छोटे बच्चे भी चिंता करते हैं या आप अकेले ही चिंता करते हो?
प्रश्नकर्ता : सभी करते हैं। दादाश्री : छोटे बच्चे भी चिंता करते हैं?
प्रश्नकर्ता : छोटे बच्चे को चिंता कहाँ से होगी? बच्चे को तो कोई चिंता ही नहीं होती न!
दादाश्री : यानी आप बड़ी उम्र के हो गए, इसलिए चिंता करते हो? सही है?