________________
३४६
आप्तवाणी-२
है, उसी तरह बावड़ी में प्रोजेक्ट बनाना चाहिए। बावड़ी में जाकर कहना कि, 'तू चोर है' तो वह वापस कहेगी कि, 'तू चोर है।' और यदि तुझे ऐसा पसंद नहीं हो तो तू बोल न कि, 'तू राजा है, तू राजा है।' तो वह भी बोलेगी कि, 'तू राजा है, तू राजा है।' ऐसी यह दुनिया है!
तेरा ऊपरी कोई है ही नहीं। किसी भी व्यक्ति को गारन्टी बॉन्ड चाहिए तो मैं लिख देता हूँ कि, 'जैसे तेरा कोई ऊपरी है ही नहीं, वैसे ही कोई अन्डरहैन्ड भी नहीं है।' किसी जीव का कोई ऊपरी है ही नहीं। किसी जीव में कोई दख़ल दे सके ऐसा कोई जन्मा ही नहीं, थोड़ी सी भी दख़ल कर सके ऐसा कोई जन्मा ही नहीं है। फिर भी यह दनिया कितनी पज़लसम हो गई है! तेरा ऊपरी कौन है? तेरे ब्लंडर्स और मिस्टेक्स, ये दो ही तेरे ऊपरी हैं। ये ब्लंडर्स कौन से हैं? जहाँ 'खुद' नहीं है, वहाँ आरोप करता है कि 'मैं चंदूलाल हूँ,' वह ब्लंडर है। उस ब्लंडर के जाने के बाद क्या रहता है? सामनेवाला गालियाँ देने आए तो हम नहीं समझ जाएँ कि यह अपनी पहले की मिस्टेक है? इसलिए हमें उसका समभाव से निकाल करना है।
___ फर्स्ट क्लास चाय बनाकर दी हो, लेकिन पहले मिठाई खाकर फिर चाय पीए तो फिर क्या होगा? चाय फीकी लगेगी। अरे चाय में चीनी कम नहीं थी। वह तो तुझ पर असर है पहले का, किसी मिठाई का; यानी कि इन असरों से कोई व्यक्ति मुक्त नहीं हो सकता, लेकिन इसका किसी को भान ही नहीं है न!