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________________ 40 जैन दर्शन में पञ्च परमेष्ठी 6. नाम कर्म : जो कर्म शरीर, इन्द्रियादि की रचना का हेतु हैं उसे नाम कर्म कहते हैं। इसके शुभ और अशुभ के भेद से प्रथमतः दो भेद माने गए हैं। फिर उसके बयालिस अवान्तर भेद बतलाए गए हैं। वे हैं-गति, जाति, शरीर, अंङ्गो पांङ्ग,निर्माण, बन्धन,संघात,संस्थान,संहनन, स्पर्श, रस,गन्ध, वर्ण, आनुपूर्वी, अगुरुलघु, उपघात,परघात,आतप,उद्योत, उच्छवास,विहायोगति तथा साधार और प्रत्येक, स्थावर और त्रस, दुर्भग और सुभग, दुःस्वर और सुस्वर, अशुभ और शुभ, बादर और सूक्ष्म, अपर्याप्त और पर्याप्त, अस्थिर और स्थिर,अनादेय और आदेय, अयश और यश एवं तीर्थंकरत्व / 7. गोत्र कर्म : जिस कर्म के उदय से उच्च अथवा निम्न जाति, कुल आदि की प्राप्ति हो उसे गोत्रकर्म कहते हैं। इसके दो भेद किए गए हैं-(१) उच्च गोत्र और (2) नीच गोत्र। प्रतिष्ठा प्राप्त कराने वाले कुल में जन्म दिलाने वाला कर्म उच्च गोत्र और शक्ति रहने पर भी प्रतिष्ठा न मिल सके, ऐसे में कुल में जन्म दिलाने वाला कर्म नीच गोत्र कहलाता है। 8. अन्तराय कर्म: जिस कर्म के उदय से सभी कारणों के अनुकूल रहने पर भी कार्य सिद्ध नहीं होता उसे अन्तराय कर्म कहते हैं। इसके पांच भेद बतलाए गऐ हैं वे हैं१. दान, 2. लाभ, 3. भोग, 4. उपभोग और 5. वीर्य शक्ति / जो कर्म कुछ भी देने में अन्तराय (विघ्न) पैदा करता है वह दानान्तराय, जो लेने में अन्तराय पैदा करता है वह लाभान्तराय, जो किसी वस्तु (फल आदि) को एक बार भोगने में अन्तराय पैदा करता है वह भोगान्तराय, जो किसी वस्तु (=वस्त्र आदि) को बार-बार भोगने में अन्तराय पैदा करता है वह उपभोगान्तराय और जो सामर्थ्य में अन्तराय पैदा करता है, वह वीर्यान्तराय कहलाता है। इसतरह आठ प्रकार के मूल कर्मों तथा उनके अवान्तरभेदों का विवेचन 1 नाम कम्मं तु दुविहं सुहमसुहं च आहियं / उ० 33.13 2. दे०-तसू० 8.12 3. विस्तार के लिए दे०- (संघवी). त०सू०,पृ० 166-200 4. गोयं कम्मं दुविहं उच्च नीयं च आहियं / उ० 33.14 5. दे०-(संघवी), त०सू०,पृ० 200 6. दाणे लाभे य भोगे य उवभोगे वीरिए तहा / पंचविहमन्तरायं समासेण वियाहियं / ।उ० 33.15 7. दे०-(संघवी), त०सू०, पृ० 200 -
SR No.023543
Book TitleJain Darshan Me Panch Parmeshthi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagmahendra Sinh Rana
PublisherNirmal Publications
Publication Year1995
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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