________________ xexiv दी०नि० दीघनिकाय देखिये दे० धम्म० धर्मा० धम्मपद धर्मामृत (अनगार) नियमसार नियम० पउम० पउमचरियं परमात्म० परमात्मप्रकाश पृ० :: भग० भग० आ० भग० वृ० प० मूला० मूला० वृ० रत्नक० वायु० पृष्ठ भगवई (भगवतीसूत्र) भगवती आराधना भगवती सूत्र वृत्तिपत्र मूलाचार मूलाचारवृत्ति रत्नकरण्डकश्रावकाचार वायुपुराण विष्णुपुराण विशेषावश्यकभाष्य विष्णुसहस्रनाम विसुद्धिमग्गो वीर निर्वाण सम्वत् श्लोक संयुक्त निकाय वि०पु० विशेष० विष्णु० विसुद्वि० वी०नि० सं० :: श्लो० सं०नि० सम० क० समराइच्चकहा