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________________ (59) 14 तृतीयोपधानप्रवेश का 4) | 26 शान्तिस्नात्र भणानेका 25 / ' 15 उपधान में एकासणा की | 27 अष्टोत्तरिस्नात्रपूजा का 15 // टोली का 5 / ) | 28 चांदी की नांद का 111) 16 उपधानमें ऑबिल की | 29 लक्कड की नांद का 5 / ) टोली का 3) | 30 तीर्थमाल पहेरने का 51) 17 नवाणुं मूंगी टोलीका 11 / ) | 31 रथयात्रा निकालने का 25) 18 नवाणुंयात्रा की पास 1) | 32 चावलसे मंडल पूरने का 2 // 19 चोमासा करने की पास 1 // 33 समवसरण मंडाने का 2) 20 वरसीतप करने की पास 1 // 34 सोनाचांदी के रथ का 35) 21 छट्ठ अट्ठम तपकी पास | 35 एक मेना (म्याना) का 1 // ) 22 पूजा भणाने का 5 / ) 36 घोडा सिपाईयों का 1 // ) 23 पंचतीर्थ का संघ निकाल- 37 इन्द्रध्वजा का 5 / ) नेका 51) | 38 कोतल प्रति घोडे का 2) 24 बारह कोश की प्रदक्षिणा 39 सादे प्रति घोडे का 1) संघ का 21, | 40 काष्ठहस्ती का 11) 25 छगाउ की प्रदक्षिणा 41 प्रतिमा स्थापने का 1) संघ का 15 / ) | 42 टेलिया फेरने का / ) गिरिराज के ऊपर आदिनाथप्रभु के दरबार में मंदिर के विशाल चोक में सोने चांदी के दो घोडे सहित नकशीदार रथ, पालखी, ऐरावत हाथी, गाडी और सुमेरु आदि सामग्री की सजावट से रथयात्रा निकलाने का 25 / ) रुपया नकरा लिया जाता है / इसी प्रकार पेढी से नवाणुं यात्रा, चोमासा करनेवाले और एक महीना रहनेवाले यात्री यदि गोदडा और वरतन लेवें, तो उनको दर गोदडा दीठ आठ आना, दर गादला दीठ बारह आना, और
SR No.023536
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1935
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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