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________________ (30) 15 भजादर बी. बी. एन्ड सी. आई. रेल्वे के छापी स्टेशन से आधा माइल दूर यह गाँव आबाद है / ओशवाल-पोरवाड जैनों के यहाँ 10 घर हैं / छोटा उपाश्रय और उसीके ऊपरी भाग में श्रीऋषभदेव की पौन हाथ बडी श्वेतवर्ण प्रतिमा स्थापित है। 15 सिद्धपुर कुमारिका ( सरस्वती) नदी के वांये तट पर यह शहर वसा हुआ है, जो जैनेतरों के तीर्थों में से एक है / इसमें औदिच्यब्राह्मण, बोहरा, मुसलमान, पाटीदार और घांचियों की वस्ती अधिक है / कहा जाता है कि-बादशाही समय में औदिच्यब्राह्मणों को विटाल कर बोहरा जाति यहीं कायम की गई थी। आज भी यहाँ औदिच्यों के 1200 और बोहराओं के 2000 घर आबाद हैं / सुन्दर सेंकडों श्रेणिबद्ध अंग्रेजी फेसन की हवेलियों और बंगलों के कारण यह शहर बडा रवन्नकदार देख पडता है / यहाँ चन्द्रप्रभ और सुलतानपार्श्वनाथ के दो कोरणी धोरणीवाले शिखरबद्ध मन्दिर हैं / दोनों मन्दिरों के नीचे दुकाने हैं, उनका 1500 रुपिया सालियाना भाडा आता है / इसीसे यहाँ के मन्दिरों का पूजा आदि का खर्चा निभता है / शहर में स्टेशन, पोष्ट-तार ऑफिस, सरकारी
SR No.023536
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1935
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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