________________ ( 165 ) 67 पीपराला. रंगोलीनदी के दहिने तटपर यह गाँव है। इसमें वीसा श्रीमाली जैनों के साधारणस्थितिवाले 10 घर हैं, जो भक्तिभाव रहित हैं। एक दो मंजिला उपाश्रय है, उसके नीचे एक कोठरीमें श्रीसिद्धचक्र आदि की तस्वीरेंदर्शनार्थ रक्खी हुई हैं। 68 सांढेडा भावनगर तालुके का छोटी मगरेली टेकरी पर यह गाँव है, जो कास्तकारों के तीस घरों की आबादीवाला है / इससे चार फलांग दूर शंकर और हनुमान का देवल है, जो एक बडी धर्मशाला के कम्पाउन्ड में है / इसके पास ही बोंकरा नदी और उसके तटपर छोटा बगीचा है जिसमें आम, अमरुद, सीताफल आदि के वृक्ष लगे हुए हैं / बोंकरानदी पर पक्का बांधा हुआ एक जलकुंड भी है, जो सं० 1940 में बांधा गया है। सांढेडा गाँव सांढेडा महादेव को अर्पण किया हुआ है और इसकी आवक से देवल का खर्चा निभता है। उष्णकाल में यह स्थान बडा ठंडा रहता है और प्रति वर्ष यहाँ मेला भी भराता है। 69 पालीताणा गिरनार, कटारिया और भद्रेश्वर आदि पवित्रतम प्राचीन तीर्थों की संघसह यात्रा किये वाद मालवा, मेवाड, कच्छ, काठीयावाड और गुजरात देश के कतिपय श्रावक