________________ ( 115 ) भावुक हैं / एक दो मंजिला उपाश्रय है, उसके ऊपरी होल में धातुमय श्रीधर्मनाथजी की प्राचीन पंचतीर्थी विराजमान है / इस गाँव से सूर्यकुंड हो कर एक सीधा रास्ता गिरनार की पांचवी टोंक पर जाता है, परन्तु उसका चढाव बडा विकट है / यहाँ के रातदिन जानेवाले लोग ही इस रास्ते से जा सकते हैं। 12 चांकली जूनागढ की सडक के दहिने तरफ यह गाँव है, इसमें जैन या सभ्य जाति का बिलकुल अभाव है और न मुसाफिरों को उतरने का यहाँ कोई साधन है / यहाँ से एक रास्ता जूनागढ और दूसरा सीधा हनुमानधारा होकर सहसावन को जाता है। चांकलीगाँव से दो माइल जम्बूडीगाँव और जंबूडी से दो माइल हस्तिनापुर गाँव है / ये दोनों गाँव गिरनार पहाडी के वीचकी भूमि के समतल पर हैं / जंबूडी में चार पांच मकान और सरकारी ( जूनागढ नबाव का) बगीचा है, उसीकी रक्षा के लिये रहनेवाले नोकरों के मकान हैं / हस्तिनापुर किसी जमाने में अच्छा आबाद शहर था, जो चारों ओर 10 माइल के मेदान में था। अब यह वीस झोंपडे का छोटा गामडा रह गया है, इसके चोतरफ विशाल मेदान है जिसमें आम, पीपल, आमले, करोंदे, सागवान, आदि के