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________________ ( 112) यहाँ उतरने के लिये सरकारी सराय है, साधु साध्वी उसीमें विश्राम लेते हैं। 5 सनली लीलाखारा रणसे अमरेली जानेवाली सडक के दहिने किनारे पर यह छोटा गाँव वसा है, जो भावनगर स्टेट का है / गाँव के बाहर सड़क के किनारे पर महादेव की धर्मशाला है, मुसाफर उसीमें उतरते हैं / गाँव में दशाश्रीमाली वैष्णवों के 3 घर हैं, जो साधु साध्वियों के भक्त हैं। 6 अमरेली वड़ोदारियासत के तालुके का यह मुख्य शहर है, जो पक्की सडकें और विजली की रोशनी से शोभित है / इसकी आबादी 50000 मनुष्यों की है / वीसाश्रीमाली जैनों के यहाँ 60 घर हैं, जो तपागच्छ और अंचलगच्छ दो भाग में विभक्त हैं, परन्तु प्रतिक्रमणादि क्रिया सब तपागच्छ की ही करते हैं / शहर में सुंदर कोरणीवाला सौधशिखरी विशाल जिनालय है, जो सं० 1857 में बनाया गया है / इसमें मूलनायक श्रीसंभवनाथजी की श्वेतवर्ण 20 अंगुलबडी और उसके दोनों बगल में आदिनाथ तथा अजितनाथ की सवा सवा हाथ बड़ी प्रतिमा विराजमान हैं। इस मंदिर के दहिने तरफ अंचलगच्छ का दो मंजिला उपासरा है / दूसरा लोंकागच्छ
SR No.023536
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1935
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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