________________ (110 ) विशेष भाग बम्बई में व्यापार करता है, जिनकी बड़ी बड़ी पेढ़ीयाँ भी हैं / अबड़ासा और कुछ भाग कंठी का श्रीमन्त है / अस्तु, कच्छमें प्रायः सर्वत्र यह दोहा मशहूर हैउन्हाले सोरठभली, शीते गुर्जर वास / वरसाले वागड भली, कछडो बारे मास // 1 // श्रीकच्छभद्रेश्वरतीर्थयात्रालघुसंघ के साथ हमारे विहार के दरमियान जो जो छोटे बडे गाँव आये, उनका संक्षिप्त ऐतिहासिक वर्णन यहाँ लिख देना अस्थान नहीं है, जो पैदल यात्रा करनेवाले साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविकाओं को अत्युपयोगी है। प्राचीनार्वाचीन ऐतिहासिक वर्णन१. घेटी गिरिराज श्रीसिद्धाचल से पश्चिम में सवा दो माइल दूर यह गाँव वसा है / इसमें बीसा श्रीमाली जैनों के 20 घर हैं, जो साधारणस्थिति के हैं और गिरिराज की छायां में रहने से इनमें कुछ तीर्थमुंडियापन भी है। गाँव में सं० 1940 और 1979 के बने दो मंजिले दो छोटे उपाश्रय भी हैं। इनके ऊपरी कमरे में श्रीशान्तिनाथप्रभु की धातुमय प्राचीन पंचतीर्थयाँ विराजमान हैं। . 2 मानगढ पालीताणा से गारीयाधार जानेवाली सडक के वायें