________________ (75) सिद्ध होते हैं और सिद्ध होयंगे / तथा बाल, तरुण और वृद्धावस्था में, और तिथंच जाति में जो पाप किये हों वे इस सिद्धगिरि (शत्रुजय ) के स्पर्श-मात्र ही से नष्ट हो जाते हैं।' इस प्रकार इस तीर्थ की बहुत महिमा प्रन्थकारोंने लिखी है। इसी कारण यह तीर्थ संसार में सब से अधिक पवित्र और पूजनीय माना जाता है। 44 घेटी-........ ................... .... - शत्रुजय की पहाड़ी से तीन मील के फासले पर यह एक छोटा गाँव है / यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 15 घर, एक उपासरा और एक घर-मन्दिर है जिसमें श्री पद्मप्रभस्वामी की प्रतिमा स्थापित है / इसके अलावा सरकारी एक धर्मशाला और एक स्कूल है, जिनमें साधु साध्वियों के उतरने के लिये अच्छा प्रबंध है। यहाँ के जैन तीर्थ-मुंडिये और नाम मात्र के जैन हैं। 45 परवड़ी___यहाँ श्वेताम्बर जैनों के 10 घर और एक उपासरा है / इसके अलावा गाँव के बहार महादेव की एक जीर्ण धर्मशाला है / गाँव में एक जिनगृह-मन्दिर है जिसमें श्री कुन्थुनाथजी की प्रतिमा स्थापित है। सफाई अच्छी है और पूजा वगैरह का इन्तिजाम उत्तम है / यहाँ के जैन भावुक और धर्मजिज्ञासावाले हैं। 46 चारोड़िया- .: . ..... यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 6 घर, एक उपासरा और एक जैने