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________________ ( 72) ' 5 पांचमी-हेमामाई सेठ की टोंक-इसको अहमदाबाद के नगर सेठ हेमाभाई ने सं० 1882 में बनवाया है और सं० 1886 में प्रतिष्ठित किया है / इसमें चार बड़े मन्दिर और 43 छोटी देवरियाँ हैं। . 6 छठी-उजमबाई की टोंक-अहमदाबाद के प्रख्यात सेठ प्रेमाभाई की फूफी उजमबाईने इस टोंक की स्थापना की / इस कारण इसका नाम -- उजमवसही ' है / इसमें नन्दीश्वरद्वीप की अद्भुत रचना की गई है / भूतलपर छोटे छोटे 57 पर्वत-शिखर संगमर्मर के बनाये गये हैं और उन प्रत्येक पर चौमुख प्रतिमाएँ स्थापित की हैं। इन शिखरों की चो तरफ सुन्दर कारीगरीवाली जाली लगाई गई हैं। इस मन्दिर के सिवाय और अनेक मन्दिर इसमें बने हुए हैं। 7 सातवीं-साकरचंद प्रेमचंद की टोंक-इसको अहभदाबाद के नगर सेठ साकरचंद प्रेमचंदने सं० 1893 में बनचाया है / इसका नाम सेठ के नामानुसार ' साकरवसही' ऐसा रक्खा गया है। इसमें तीन बड़े मन्दिर और बाकी बहुतसी छोटी छोटी देवरियाँ हैं। 8 पाठवीं-छीपावसही की टोंक- यह टोंक छोटी ही है। इसमें 3 बडे मन्दिर और 4 छोटी देवरियाँ हैं / इसे छीपा ( भावसार ) लोगोंने बनवाई है, इसलिये यह ‘छीपा. वसही ' कही जाती है / इसका निर्माण सं० 1791 में हुआ है। इसके पास एक पांडवों का मन्दिर है जिसमें पांचों पांडवों की, द्रौपदी और कुन्ती की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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