________________ (68) किसी की रचना, किसी की विशालता और किसी की उच्चता को देख कर यात्रियों के मुंह से ओ हो ! हो !! की ध्वनियाँ निकलने लगती हैं। यहाँ महाराज संप्रति, महाराज कुमारपाल, महामात्य वस्तुपाल तेजपाल, पेथडशाह, समासाह श्रादि पंसिद्ध पुरुषों के बनाये हुए महान् मन्दिर इन्हीं श्रेणियों में सुशोभित हैं। ____मन्दिरों की श्रेणियों के मध्य में चलते चलते यात्रियों को हाथीपोल नाम का बड़ा दर्वाजा देख पड़ता है जिसमें सशस्त्र पहरेदार खड़े रहते हैं। इस दाने के सामने नजर करते ही महान् मंदिर तीर्थ का मुकूटमणि है / इसी में तीर्थपती आदिनाथ भगवान की भव्य मूर्ति बिराजमान है / इसी मन्दिर के दर्शन, वन्दन और पूजन करने के लिये, भारत के प्रत्येक कोने में से श्रद्धालु जैन उस प्राचीन काल से चले आ रहे हैं जिसका हमें ठीक ठीक ज्ञान या, पत्ता भी नहीं है। कर्नल टाड कहते हैं कि " इस पर्वत की प्राचीनता और पवित्रता के विषय में जो कुच्छ ख्यातें हैं वह सब इसी बड़ी टोंक की हैं।" '... 2 दूसरी-मोतीसाह सेठ की टोंक-बम्बई में मोतीसाह नाम के सेठ बड़े भारी व्यौपारी और धनवान् श्रावक हो गये हैं। इन्होंने चीन, जापान प्रादि दूर दूर के देशों के साथ व्यापार चला कर अगणित धन प्राप्त किया था। ये एक दफे शत्रुजय की यात्रा करने के लिये संघ निकाल कर आये / उस समय अहमदावाद के.