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________________ (277) ( 32) 13-" सं० 1684 माघसुदि 10 सोमवार के दिन मेडतानगर के रहनेवाले पामेचा गोत्रतिलक ओसवाल सं० हर्षा लघुभार्या मनरंगदे, पुत्र संघपति सामीदासने श्रीकुन्थुनाथ भगवान् का बिम्ब कराया, उसकी प्रतिष्ठा तपागच्छीय भ० विजयदेव सूरिजीने श्राचार्यश्री विजयसिंहसूरि प्रमुख परिवार से की, शोभाकारक हो।" पृ० 185 1 सायला- (33) 1-" सं० 1666 वैशाखवदि 13 के दिन शमदानगर में समस्त संघने श्रीमहावीर का मन्दिर कराया। तेलहरागोत्रीय शाह खेताने शाह धाडशी सहित बृहत्खरतगच्छीय युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरीजी की आज्ञा से पं० प्रमोदगणि शिष्य नन्दिजय के हाथ से प्रतिष्टा ( अञ्जनशलाका ) कराई / पृ० 188 4 भीनमाल ( 34 ) 1-" सं० 1873 माघसुदि 7 शुक्रवार के दिन भीनमाल के समस्त संघने महावीर प्रभु का बिम्ब कराया और तपागच्छीय भ० श्री विजयजिनेन्द्रसूरिजीने उसकी प्रतिष्ठा की, कल्याण हो।" पृ० 168 (35) 2-" सं० 1683 आषाढ वदि 4 गुरुवार के दिन श्रीमाल. ( भीनमाल ) वासी सा० पेमा खेमाने पार्श्वनाथ का बिम्ब कराया और विजयदेवसुरिजीने उसकी प्रतिष्ठा की / " 0 199
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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