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________________ (29 ) 2-" सं० 1969 माघसुदि 10 रविवार के दिन पुनर्व. सुनक्षत्र में मंडवारिया निवासी शा० खूमाजी के पुत्र जेठा डाहा विनयचन्द्र की कराई हुई अञ्जनशलाका में भूति के रहनेवाले ओसवाल वेद मूता हरािजी देवीचंद खेमराजने श्रीआदिनाथ के बिम्बकी अंजनशलाका सह प्रतिष्ठा कराई और सौधर्मबृहत्तपागच्छाधिराज भट्टारक श्रीविजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी के शिष्य भ० श्रीविजयधनचन्द्रसूरीश्वरजीने अंजनशलाका की / यह लेख मुनि यतीन्द्रवि. जयजीने लिखा, कल्याणकारक हो / " पृ० 162 2 हरजी- (17) 1-" सं० 1959 वैशाखसुदि 15 गुरुवार के दिन मारवाड में हरजी निवासी वीसापोरवाड़ चांपा के पुत्र केरा की स्त्री जेतीदेने अपने कल्याणार्थ श्रीआदिनाथ का बिम्ब कराया। श्रीकोरटा नगर में सौधर्मबृहत्तपागच्छीय-भ० श्रीरत्नसूरि, तपट्टे क्षमासूरि, तत्पट्टे देवेन्द्रसूरि, तत्पट्टे कल्याणसूरि, तत्पट्टे श्रीविजयप्रमोदसूरिशिष्य भ० श्रीविजयराजेन्द्रसूरिजीने अंजनश. लाका की / यह लेख मोहनविजयजीने लिखा।" पृ० 167 2-" वि० सं० 1955, शालिवाहनशाके 1820 मासोत्तममास फाल्गुन वदि 5 गुरुवार के दिन मारवाड में राष्ट्रकूट वंशीय महाराजाधिराज राजराजेश्वर श्री श्रीसिरदारसिंहजी के मान्य राऔर चांपावत ठाकुर श्री रत्नसिंहजी के समय में प्रा
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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