________________ (256) 1 आहोरनगर- (10) - १-सुवासित जलों से अभिषिक्त, केशर-चन्दन-धूप-दीप आदि से पूजित, उत्तम स्तवनाओं से संस्तुत और जयध्वनि से शोभित श्रीगोडीजिनेश सदा सुस्थिर लक्ष्मी देवें / .... २-जिनके गज्य में शोभा की वृद्धि, प्रजा में अमनचेन ( आनन्द.), गो समुदाय की सुरक्षा, विद्वानों से पूजित और सत्फलों को देनेवाले धर्म की समुन्नति हो रही है, वे मारवाड देश के अधीश शिरदारसिंहजी जयवन्त रहें। 3-5 धैर्यवान् और तेज से यथार्थ नामवाले प्रजाओं के रक्षक राजा प्रतापसिंहजी जिनके काका ( पितृभ्राता) विराजमान हैं / जो भारतेश ( अंग्रेज सरकार ) के शत्रुओं को जीतकर वीरता को पाये और गौराङ्ग प्रजा के सन्मानपात्र बन कर देशान्तरों में प्रसिद्ध हुए। जिस प्रतापसिंह भूपति के सुप्रबन्धों से राज्य भर की प्रजा आनन्द भोग रही है, विरोधि भी वशवर्ती हो गये और कुरीतियाँ नष्ट हो कर सर्व समृद्धियाँ प्राप्त हो रही हैं। 6-12 सर्व समृद्धियों से पूर्ण, जालोर प्रान्तस्थित आहोर नगर में बहुत भूभाग का स्वामी, मरुधरेश कुल से परम्परागत वीरता से उन्नत कुल में प्रसूत, मारवाडदेशाधिप से सन्मान पाया हुआ, राजाओं में बलबान और प्रभुत्वशाली राठोडवंशीय राजाओं में श्रेष्ठ और शत्रुरूप हाथियों को भगाने में सिंह समान अनारसिंह हुमा / बल और दान से विक्रमादित्य के समान